कोरोनावायरस

घर जाने की खुशी छलक गए आंसू

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

वहां मौजूद विधायक लोढ़ा सहित प्रशासनिक अधिकारियों का हाथ जोडक़र आभार जताया

रिपोर्ट हरीश दवे

विधायक लोढ़ा के प्रयासों से शिवगंज में फंसे झारखंड के ६८ मजदूर दो बसों में हुए घर के लिए रवाना

जिला प्रशासन ने करवाई इन श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था शिवगंज। कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बीच पिछले ४५ दिनों से अपने गृह राज्य जाने की बाट जोह रहे झारखंड के ६८ मजदूरों के लिए आज का दिन मानों किसी त्योहार से कम नहीं था। मौका था उनकी घर वापसी का। विधायक संयम लोढ़ा के प्रयासों एवं स्थानीय प्रशासन के सकारात्मक सहयोग के चलते आखिरकार इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की स्वीकृति मिल गई।

मंगलवार को दो बसों के माध्यम से इन श्रमिकों को उनके गृह राज्य के लिए रवाना किया गया। इन बसों को जब विधायक संयम लोढ़ा ने हरी झंडी दिखाकर रवानगी दी तो किसी की आंखों में आंसू छलक रहे थे, तो कोई वहां मौजूद विधायक सहित प्रशासनिक अधिकारियों का हाथ जोडक़र आभार जता रहा था।
दरअसल, शिवगंज शहर के आसपास के क्षेत्र में चलने वाले निर्माण कार्यो पर श्रमिक के रूप में कार्य करने वाले झारखंड के काफी संख्या में श्रमिक कार्य करते है। कोरोना महामारी की वजह से देश भर में हुए लॉकडाउन के बाद निर्माण कार्य बंद हो जाने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। साथ ही महामारी के भय की वजह से हर कोई अपने घर लौटना चाह रहा था। लेकिन ट्रेन बस सेवाएं बंद होने की वजह से इनका यहां से निकलना संभव नहीं हो रहा था। इस बीच इन लोगों के सामने पेट भरने का भी संकट खड़ा हो गया। इसकी जानकारी मिलने पर उपखंड अधिकारी के निर्देश पर नगर पालिका प्रशासन की ओर से इनके लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था तो करवा दी गई, लेकिन घर वापसी का रास्ता नहीं निकल पाया।

विधायक लोढ़ा ने उठाया बीड़ा

लॉकडाउन से पूर्व राज्य सभा चुनाव के लिए जयपुर गए विधायक के वहां से शिवगंज लौटने पर डाकबंगले में उपखंड स्तरीय अािकारियों की बैठक से पूर्व जब यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने तत्काल ही उपखंड अधिकारी से चर्चा कर इनकी घर वापसी करवाने की ठान ली। उन्होंने उपखंड अधिकारी को इन मजदूरों को वापस उनके घर भेजने के लिए जिला कलक्टर से स्वीकृति लेने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश देते हुए स्वयं ने भी जिला कलक्टर से बात कर इन श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। साथ ही विधायक ने जयपुर में भी मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव के ध्यान में मामला लाते हुए झारखंड सरकार से संपर्क साधने का आग्रह किया।

चालीस दिन बाद मिली अनुमति

राजस्थान से इन श्रमिकों को झारखंड भेजना टेढी खीर जैसा ही था, लेकिन प्रशासन के सकारात्मक सहयोग एवं विधायक के निरंतर उच्चाधिकारियों से संपर्क में रहते हुए इन श्रमिकों को उनके घर भेजने के प्रयास किए। जिस पर जिला कलक्टर ने झारखंड के उन जिलों के जिला कलक्टरों जिस जिले के ये श्रमिक निवासी है उनसे लगातार फोन पर बात जारी रखी। जिसकी बदौलत आखिरकार ४० दिन बाद प्रशासन को इन श्रमिकों को उनके घर भेजने की अनुमति मिल ही गई। जब इन श्रमिकों को इसकी जानकारी मिली तो उनके चेहरों पर खुशी समा ही नहीं रही थी।

दो बसों के माध्यम से किया रवाना

इन श्रमिकों को झारखंड भेजने के लिए जिला प्रशासन की ओर से दो बसें उपलब्ध करवाई गई। मंगलवार को उपखंड प्रशासन की ओर से इन सभी श्रमिकों को टाउनहॉल में एकत्रित होने के निर्देश दिए। जहां से इन दोनों बसों में उन्हें बैठाकर झारखंड के लिए रवाना किया गया। बस को रवानगी देने से पूर्व अधिकारियों ने सारी व्यवस्थाओं सहित चिकित्सा कर्मियों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। साथ ही उनके भोजन पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करवाई गई। सारी व्यवस्थाएं सही होने पर विधायक एवं उपखंड अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष वजींगराम घांची, पार्षद हबीब शेख आदि उपस्थित थे।

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