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क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए दिया ₹4 करोड़ का बजट, ₹1 करोड़ की लागत से बना दी नई सड़कें

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के अंतिम बजट घोषणा में शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारने के लिए मिले 4 करोड़ के बजट को नई सड़कों के निर्माण में खर्च करने का मामला सामने आया है। इस बार नगर परिषद के खुद अधिकारी यह बात स्वीकार रहे हैं कि पूर्व मंत्री व वर्तमान चेयरमैन के कहने पर उन्होंने इस बजट से क्षतिग्रस्त सड़कों को करने की बजाय 1 करोड़ से अधिक लागत की दो नई सड़कें बना दी। अब जब मामला सामने आया तो सड़क निर्माण करने वाली कंपनी की राशि रोकने और इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए है। दरअसल, 217 में आई बाढ़ के दौरान शहर की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस पर स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निकायों से मुख्यमंत्री की बजट घोषणा का हवाला देते हुए 4 करोड़ का बजट जारी किया और स्पष्ट किया की इसे सड़क मरम्मत, पेच रिपेयर और रिनोवेशन पर ही खर्च किया जाना है। लेकिन, सिरोही नगरपरिषद ने सड़कों की मरम्मत करने की बजाय दो जगहों पर नई सड़क बना दी। इस बात खुलासा मंगलवार को विधायक संयम लोढ़ा के निरीक्षण के दौरान हुआ। भाटकड़ा रेबारीवास स्थित हिंदू श्मशान घाट से लेकर मामाजी मंदिर तक बनाई गई नई सड़क के निरीक्षण के दौरान विधायक लोढ़ा ने नगरपरिषद आयुक्त दिलीप माथुर से सवाल-जवाब किए तो एक्सईएन ने बताया कि इस काम के लिए विधायक व सभापति का दबाव था। इस सड़क पर 62.18 लाख रुपए खर्च हुए है। वहीं 53 लाख 34 हजार रुपए की लागत से हाईवे -जुहारमल फूलचंद शो रूम से रूपरजत स्कूल तक सड़क निर्माण करवाया गया। मामला सामने आने के बाद विधायक ने सड़कों की मरम्मत के लिए नगरपरिषद को आवंटित राशि का बकाया भुगतान ठेकेदार को नहीं करने और पूरे मामले तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजने की भी बात कहीं। वहीं आयुक्त शिवपालसिंह भी अपने स्तर पर मामले की रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजेंगे।

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जहां आबादी नहीं वहां सड़क, 1.42 करोड़ का भुगतान भी कर दिया

हैरानी की बात यह है कि श्मशान घाट से लेकर मामाजी मंदिर तक जिस सड़क का निर्माण करवाया गया है वहां आबादी क्षेत्र भी नहीं है। दोनों तरफ खेत हैं। जब विधायक लोढ़ा ने एक्सईएन से सड़क के बारे में पूछा तो बोले की साहब सही बोलू तो विधायक व चेयरमैन का दबाव था और इनके दबाव में सड़क बनाई है।

इस बजट से करना यह था

यह है पूरा मामला

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017-18 के बजट में अतिवृष्टि के दौरान शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के लिए समस्त नगर निकायों से प्रस्ताव मांगे थे। इन कार्यों के लिए रूडसिको को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया था। रूडसिको ने जनवरी 2018 में सिरोही नगरपरिषद के लिए टेंडर मांगे थे। 19 अप्रैल 2018 को सिरोही नगरपरिषद ने खुद के स्तर पर इसके दुबारा टेंडर किए। ये टेंडर जी.ए. इन्फ्रा प्रा. लि. जयपुर के नाम खुला। 15 मई 2018 को फर्म ने नगरपरिषद के साथ एमओयू किया और अगले दिन 16 मई को वर्क ऑर्डर जारी हुए। नगरपरिषद ने आठ कामों के लिए टेंडर मांगे। ये टेंडर 3.80 करोड़ रुपए में हुआ।


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थर्ड पार्टी निरीक्षण में सामने आए 4 काम, और कहां हुए अभी पता नहीं

सड़कों की मरम्मत के लिए आवंटित बजट में आठ कामों के लिए टेंडर हुए थे। थर्ड पार्टी की ओर से अक्टूबर 2018 में निरीक्षण में चार काम सामने आए है, बाकी कहां हुए है इसका पता लगवा जा रहा है।

1. हाईवे से अर्बुदा गोशाला तक: हाईवे से लेकर अर्बुदा गोशाला तक सड़क के लिए 1 करोड़ 3 लाख 57 हजार रुपए खर्च किए गए है।

2. हाईवे से रूपरजत स्कूल तक: हाईवे से जुहारमल फूलचंद शो रूम से रूपरजत स्कूल तक सड़क निर्माण पर 53 लाख 34 हजार रुपए खर्च किए गए है।

3. श्मशानघाट से मामाजी मंदिर तक: भाटकड़ा रेबारीवास स्थित श्मशानघाट से मामाजी मंदिर तक सड़क निर्माण पर 62 लाख 18 हजार रुपए खर्च किए गए है।

4. भाटकड़ा सर्किल से पब्लिक टॉयलेट तक: भाटकड़ा सर्किल से प्रभुराम माली के मकान से पब्लिक टॉयलेट तक सीसी सड़क पर 62 लाख 18 हजार रुपए खर्च हुए है।

 

...और किया यह

सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने पूछा तो एक्सईएन बोले- मंत्री व सभापति के दबाव में बनाई

सौजन्य: दैनिक भास्कर

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