अशोक गहलोत ने राज्य के प्रभारी मंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी के सम्बंध में फीडबैक व सुझाव लिए
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के मंत्रीमंडल, लोकसभा व विधानसभा सदस्यों के साथ संभागवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी के सम्बंध में फीडबैक व सुझाव लेने के लिए संवाद किया।
इस संवाद का आरंभ उदयपुर संभाग से हुआ। तत्पश्चात जोधपुर संभाग से संवाद हुआ, जिसमें संभाग के जनप्रतिनिधियों द्वारा अनेक समस्याओं जैसे प्रवासियों ने आवागमन की अनुमति एवं सुविधा, चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, कोरोना प्रभावित क्षेत्र की सीमा निर्धारण, चिकित्सकों के रिक्त पदों पर भर्ती करने, मनरेगा के अंतर्गत प्रवासियों को रोजगार देने, विधायक निधि के उपयोग आदि को उठाया गया।
इस बैठक में सिरोही व जालौर जिलों के प्रभारी मंत्री श्री भँवर सिंह भाटी ने बताया कि इन जिलों में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य व राशन वितरण कर्मी एक टीम वर्क के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सीमावर्ती जिलों में लगभग 60 हजार प्रवासी आये हैं और लगभग 2 लाख प्रवासियों का इन जिलों से आवागमन हुआ है। इन जिलों के अधिकांश व्यक्ति महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल व दिल्ली में फँसे हुए हैं। इन प्रवासियों को वहाँ भोजन व रोजगार की समस्या आ रही है। वे स्वयं के वाहन व खर्चे पर राज्य में आने के लिए तैयार हैं। अतः उनके आप्रवास की अनुमति दिए जाने और रेल व बस की सुविधा उपलब्ध करवायी जाए।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री भाटी ने जिला मुख्यालय पर कोरोना टेस्टिंग सेन्टर की स्थापना व इंटेंसिव सैंपलिंग करने, प्रवासियों के क्वारंटाइन व आइसोलेशन केंद्रों की स्थिति, मजदूरों, गरीबों व प्रवासियों के भोजन व राशन किट उपलब्ध करवाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों व गेहूँ की खरीद, राष्ट्रीय भोजन सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गेहूँ व दाल का वितरण आदि के बारे में विस्तार से माननीय मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।
इसके साथ ही, उन्होंने प्रभार जिलों में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों एवं प्रवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, मनरेगा मजदूरों को जल, छाया व दवाई उपलब्ध करवाए जाने और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के बारे में जानकारी दी।