संपादकीय

वुहान का वायरस जिले में!

Posted By: अवधेश आढ़ा सिरोही

कल गांव से गुजरते हुए स्टेट हाईवे को देखा जो मीलों तक सुनसान दिख रहा था। पर कुछ देर में दृश्य पलटा, पर्दा उठा और शुरू हो गया चहलकदमी का दौर, अचानक गाड़ियों की आवाज आने लगी,बजने लगे सायरन,ओर गुजरने लगी गाडियां यू कहे काफिला, जिसमे दारोगा साहब, कलेक्टर साहब, तहसीलदार साहब, और चिकित्सा विभाग भी यानी सरकारी महकमा था। मै जरा सोच मै था ऐसा क्या हुआ? कोई मंत्री जी अा रहे है क्या! पर इतने में टिंग आवाज अाई,मोबाइल का शटर खुला, खबर थी कोरोना का कहर पहुंचा अपने जिले तक। कोरोना! कोरोना का है? ओ किकन आयू है? पूछा एक बाजी ने।(बाजी राजस्थान में बुजुर्ग को कहते है।)

कहते है कि चीन के वुहान शहर से उपजे एक वायरस ने पूरी दुनिया में अफरा तफरी मचा दी है। यह वायरस जिसके निर्माण के लिए कई लोग चमगादड़ को, तो कई लोग जैविक बम की तरह , तो कई लोग गलती से एकस्प्रिमेंट के दौरान निर्मित मानते है खैर अब वो बन चुका है।

बाजी बोले, तो का वु ?(उनके कहने का मतलब था इसमें क्या होता है? यह वायरस यहां तक कैसे पहुंचा?) हुआ यूं कि इस वायरस में एक साथ कई बीमारियों के लक्षण है जो आम सर्दी,जुखाम,बुखार,सिरदर्द,सांस लेने में कठिनाई जैसे होते है। यह कई बार तो दिखते है यानी महसूस होते है परन्तु कई बार बिना इनके भी वायरस ग्रसित हो जाते है धीरे धीरे यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर, हमे हरा देते है।

अब सवाल कैसे पहुंचा यह अपने गाव तक। तो विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं चिकित्सा क्षेत्र के सभी वैश्विक संघठन बताते है कि यह वायरस कम्पाउन्ड इंट्रेस्ट यानी चक्रवर्ती ब्याज की तरह फैलता है यह खासने व छिकने से निकलने वाली बूंदों के साथ दूसरे व्यक्ति तक पहुंच बना लेता है यह वायरस किसी भी धातु , कपड़े ,प्लास्टिक, पर भी रह जाता है जिसे हम छू जाए तो यह हमे भी जकड़ लेता है।

धीरे धीरे बना ली इस लाइलाज बीमारी ने अपनी पहुंच पूरे विश्व तक । तो बाजी का अगला सवाल तैयार था बोले " कोई दवाई नी अाई के बेटा " मैने कहा नहीं अभी तक कोई दवाई नहीं बनी है ओर पूरा विश्व आज झुझ रहा है इस बीमारी से इसे विश्व पर ग्लोबल पेंडामीक घोषित किया गया है।

पूरा विश्व, सारे वैज्ञानिक,डॉक्टर ओर रिसर्चर इसकी दवाई खोज रहे है। खैर बाजी इसके बचने का एक उपाय है घर पर रहे क्युकी वायरस हमे लेने घर नहीं आएगा हम इसे लेने बाहर जाएंगे। बाजी बोले मतलब! मैने कहा अगर हम घर से बाहर नहीं जाएंगे तो यह वायरस हमारे तक नहीं आएगा और यही एकमात्र दवाई है इससे बचने की।

बाजी अब घर चलते है वरना यह वायरस हमे भी ढूंढ़ लेगा। अच्छा बेटा चलते है अब बिना काम घर से बाहर किसी को आने नहीं दूंगा। पर्दा गिरता है,दर्शक समझ जाते है, क्या है यह माझरा? पाठक वर्ग से भी आशा की आप भी घर रहे, सुरक्षिक रहे,सरकार ओर प्रशासन के कहे का पालन करें तभी इस वैश्विक बीमारी से बचा जा सकता है।

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