सिरोही जिले ओर जैन समाज को कोरोना ने दिया गहरा आघात, दुखद घटना रविकांत चौधरी नहीं रहे
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
करोड़ों का कर चुके हैं दान
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही देवनगरी सिरोही में जन्मे यशस्वी समाज सेवी, सफल उधोग पति और भामाशाह रविकांत चौधरी S/o मोहन लाल चौधरी आज हमारे बीच नही रहे।
सिरोही जैन समाज व सिरोही की नामी गिरामी शख्सियत आज कोविड-19 की चपेट में आने के कारण उनकी मृत्यु हो गई वह ऐसी शख्सियत थे जो प्रचार और प्रसिद्धि से कोसो दूर रहे जिन्होंने ना तो कभी नाम को रोया न फोटो को रोए वह दान करते थे
तो गुप्त दान को बहुत मानते थे ना तो उन्होंने कभी सोशल मीडिया पर या ना कभी समाज के अंदर भी उन्होंने पोस्ट की आज वह शख्सियत तमिलनाडु के अंदर जानी-मानी शख्सियत कहलाती थी लेकिन आज सिरोही जैन समाज के लिए एक बड़ी दुखद घटना का होना बहुत दुख की बात है उन्होंने इस आपदा कें अंदर बहुत काम किया और पूर्व में भी आपातकालीन सेवा में भी उन्होंने दूसरों के मापक सेवा में भाग लिया था वह नाम को नहीं रोते हैं
ऐसी शख्सियत जो बिना नाम के पहचानी जाती थी आज वह सिरोही के बीच में नहीं रह पाई और उनकी मौत हो गई ऐसी दुखद घटना और ऐसे दानवीर जो नाम के मोहताज नहीं थे वह आज सिरोही को छोड़कर चले गए ऐसी शख्सियत को होने पर कई लोगों को दुख लगा है क्योंकि उन्होंने हर समय किसी भी आपदा के समय तैयार रहते थे
वह JITO फाउंडेशन संस्था के सदस्य भी थे और तमिलनाडु के अंदर सरकार के साथ उन्होंने कई बार कई बड़े कार्य किए लेकिन उन्होंने कभी अपनी शख्सियत का परिचय कभी किसी को नहीं दिया आज इस दुखद घटना में इसलिए जरूरी है कि लोगों को यह भी बताना जरूरी है कि ऐसी शख्सियत सिरोही की जो धनबल में तो नंबर वन होगी लेकिन दान पुण्य के अंदर अनेक बड़ी शख्सियत प्रचार प्रसार की आड़ में अपने धंधों को परवान चढ़ाने प्रशाषन की नजरों में रहती है।
उन्होंने कभी अपने नाम को नहीं रोया है जिस प्रकार सिरोही जिले में तो कुछ दान दे देते हैं तो लिख आने पर भी नाम होना जरूरी रहता है और फोटो नहीं हो तो काम नहीं चलता है। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करे।