नदियों का पानी रोकने पर बोला पाकिस्तान- भारत के पास हमारे पानी को रोकने की क्षमता नहीं
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने रावी, व्यास और सतलज तीन नदियों का पानी रोकने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि तीन नदियों के अधिकार का पानी प्रोजेक्ट बनाकर पाकिस्तान की बजाय यमुना में छोड़ा जाएगा. भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया आई है. सिंधु जल आयोग के उप-प्रमुख शेराज मेमन का कहना है कि पानी रोकने को लेकर भारत की ओर से हमारे पास कोई जानकारी नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ होता है तो यह गलत होगा. भारत में हमारे पानी को रोकने या मोड़ने की क्षमता नहीं है.
बता दें, भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ सिंधु नदी जल समझौता किया था. इस समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ, जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं. रावी, व्यास और सतलज के पानी पर भारत का पूरा हक दिया गया. बाकी 3 नदियों झेलम, चिनाब और सिंधु के पानी के बहाव को बिना बाधा पाकिस्तान को देना तय हुआ. समझौते के तहत झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों के पानी के कुछ सीमित इस्तेमाल का अधिकार भारत को दिया गया. भारत को हिस्से में आई रावी, व्यास और सतलज नदी का पानी पूरा इस्तेमाल नहीं हो पता है और यह तीनों नदियां भी पाकिस्तान का प्यास बूझाती है.
20 फीसदी पानी पर भारत का हक
सिंधु जल समझौते के मुताबिक, पश्चिमी रेंज की तीन नदियों- झेलम, चेनाब और सिंधु के पानी का 80 फीसदी इस्तेमाल पाकिस्तान और 20 फीसदी का इस्तेमाल भारत कर सकता है, लेकिन अब तक भारत सिर्फ चार फीसदी पानी का ही इस्तेमाल करता था, लेकिन अब अगर अपने हिस्से का पानी रोकता है तो पाकिस्तान को मिलने वाला 16 फीसदी अतिरिक्त पानी रूक जाएगा. पाकिस्तान का पूरा पंजाब प्रांत सिंधु नदी के पानी पर निर्भर करता है.
क्रिकेट वर्ल्डकप से भी पाकिस्तान को बैन करने की कोशिश
हिंदुस्तान ने कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को ऐसे अलग थलग कर दिया है कि दुनिया को कोई देश उसके लिए बोल नहीं रहा, चीन भी बचते बचाते बोल रहा है. हिंदुस्तान ने कला-फिल्म-साहित्य के जरिए पाकिस्तानी कलाकारों को ही नहीं, उनकी अर्थव्यवस्था को भी जबर्दस्त मजबूती दी थी. अब वो भी रुकता दिख रहा है और जब दुनिया क्रिकेट वर्ल्ड कप की तैयारी में है, उस वक्त भारत ने वर्ल्ड कप से भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति बना ली है.
MFN का दर्जा छीना गया
पिछले दिनों हिंदुस्तान ने उसका मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा क्या छीना और वहां जाने वाले सामान क्या रुके, पाकिस्तान में महंगाई आसमान छूने लगी. हिंदुस्तान ने 1960 के सिंधु जल समझौता में अपने हिस्से का पानी रोक कर पाकिस्तान को करारा झटका दिया है.