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सेई बांध से अब टनल द्वारा जवाई बांध पहुचेगा पानी

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट किशन माली

पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े रियासतकालीन जवाईबांध में दिनोंदिन रीत रहे पानी और कमांड क्षेत्र में मानसून की बेरूखी के कारण अब बांध में सहायक सेई बांध का पानी पहुंचाया जाएगा। जवाई के सहायक सेई बांध का जलस्तर 3.25 मीटर पहुंचने के बाद इसकी सुरंग के गेट रविवार को खोल दिए गए। इससे दो दिन में जवाई बांध में पानी की आवक शुरू हो जाएगी। जवाई बांध जलभराव क्षेत्र में इस बार कमजोर बारिश के कारण इसका जलस्तर महज दो फीट ही बढ़ पाया है। 61 फीट भराव क्षमता वाले इस बांध का जलस्तर 18 फीट तक ही पहुंच पाया है।

राजस्थान-गुजरात सीमा के निकट स्थित सेई बांध को जवाई बांध का सहायक बांध माना जाता है।पहाड़ी क्षेत्र में होने वाली बारिश के कारण सेई बांध में पानी की अच्छी आवक होती है। इसे एक सुरंग के जरिए जवाई बांध से जोड़ा हुआ है। सेई बांध के गेट खोलने से दो दिन में पानी जवाई बांध तक पहुंच जाता है। दो दिन से क्षेत्र में सक्रिय मानसून के कारण उम्मीद बंधी है कि जल भराव क्षेत्रों में अच्छी बारिश से जवाई बांध का जल स्तर बढऩा शुरू हो जाएगा।

महाराजा उम्मेदसिंह ने जोधपुर के लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 1938 में सुमेरपुर के निकट जवाई बांध का निर्माण कराया था। 1996 से जोधपुर को इंदिरा गांधी नहर का पानी मिलना शुरू हो गया।

इसके बाद जोधपुर ने जवाईबांध से पानी लेना बंद कर दिया और पाली जिला जलापूर्ति के लिए पूरी तरह से जवाई बांध पर निर्भर हो गया है। जवाई बांध में पर्याप्त पानी आने से न केवल क्षेत्र के लोगों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है, बल्कि पाली जिले के बाशिन्दों को पूरे साल हलक तर करने के लिए तरसना नहीं पड़ता है। जवाई बांध में पानी नहीं होने पर पाली जिले के 7 कस्बों से 800 से अधिक गांवों के लोगों के हलक तर करने के लिए जोधपुर से वॉटर ट्रेन चलानी पड़ती है।

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