शिक्षक संघ ने 15 अक्टूबर 2020 से स्कूले खोलने की पैरवी की-गहलोत
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरिश दवे
सिरोही | राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को ज्ञापन भेजकर राजकीय विद्यालय छात्रहित में 15 अक्टूबर 2020 से खोलने की दरकार की है।
संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया कि सरकार का ध्यानाकर्षण कर लिखा है कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बंद पड़े राजकीय विद्यालयों से पूरा सत्र प्रभावित होने के आसार बनते नजर आ रहे है। यदि समय पर सकारात्मक निर्णय नहीँ हुआ तो छात्रहित प्रभावित हो सकता है। वर्तमान में करीबन सभी राजकीय कार्यालय खुले है। चुनाव सम्पन्न करवाये जा रहे है, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, स्टेट ओपन की परीक्षा का आयोजन सहित नीट, जेईई, पीटीईटी, प्री डीएड प्रतियोगिता परीक्षा के आयोजन हो चुके है। निजी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावक आर्थिक सक्षम होने से अपने बच्चों को ऑनलाइन स्टडी के साथ प्राइवेट होम टीचिंग करवा रहे है। लेकिन करीब 95 फीसदी एससी एसटी ओबीसी वर्ग के आर्थिक कमजोर परिवार के छात्र सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत होने से उनका शिक्षण पूर्ण प्रभावित हो रहा है जिसे समय रहते गम्भीरता से लेने की सख्त जरूरत है।
सरकार का राजकीय शिक्षण संस्थानों को छात्रों के अध्यापन हेतु खोलना अब आवश्यक एवम स्वागत योग्य कदम होगा। इसके लिए कोरोना गाईड़ लाईन की पूर्ण पालना करवाते हुए मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंनसिंग के साथ विद्यालय खोलने की संगठन दरकार करता है। ज्ञापन में दर्शाया है कि ठंड में कोरोना की अति सक्रियता को देखकर समय प्रातः 9.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे के कर दिया जावे। 300 से ज्यादा छात्र संख्या वाले विद्यालयो को दो पारी में संचालित करवाया जावे। कक्षा 9 से 12 का समय प्रातः 8 से 11 एवम कक्षा 1 से 8 का समय 11.30 से 2 बजे का रखा जावे। संस्था प्रधान का समय 10 से 2, बाकि शिक्षको का समय प्रधानाचार्य शिक्षण व्यवस्था अनुसार 5 घण्टे का रखे। सम्पूर्ण विद्यालय की शिक्षण योजना का समय विभाग चक्र संस्था प्रधान बनाकर सीबीईओ से ऑनलाइन प्रमाणित करवा लें। बच्चों की मास्क की अनिवार्यता, सिटिंग सोशियल डिस्टेंनसिंग के साथ ऑनलाइन सीबीईओ द्वारा चेक की जावे। कोरोना काल में शिक्षण कार्य को एक चुनौति के रूप में स्वीकार कर पूर्ण सुरक्षा के साथ इसी माह में अविलंब विद्यालय शिक्षण शुरू करवाये जावे। संगठन के शिक्षक नेता डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया, विक्रमसिंह सोलंकी, जगदीश खण्डेलवाल, इनामुल हक कुरैशी, देवेश खत्री, मनोहरसिंह चौहान, छगनलाल भाटी, प्रवीण सपरा, सत्यनारायण बैरवा, क्रान्ति राठौड, इन्दरमल खण्डेलवाल, भगवतसिंह देवडा सहित विभिन्न शिक्षक नेताओं ने भी स्कुल खोलने की पैरवी की हैं।