विधानसभा में बोले सलाहकार, फिर नहीं सुधरे जिम्मेदार
सिरोही लालजी
-शहर में तीन दिनों तक जलापूर्ति नही, अधिकारी मस्त
शहर में बढ़ती पेयजल की किल्लत को लेकर विधायक संयम लोढा विधानसभा में सवाल उठाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से मौन है । कई इलाकों में आज भी सरकारी पानी नलों तक नही पहुंच पा रहा है लेकिन 90 दिनों का बिल समय पर पहुंच जाते है । विभाग की ओर से वार्डो में पानी पहुंचाने क़े लिए कुछ टेंकरो की व्यवस्था तो की है लेकिन वो भी रासुकदारी ओर नेताओ के वार्डो में ही मेरबानी हो रही है ऐसे में अगर पेयजल को लेकर कोई ठोस उपाय नही किये तो समस्या कब विकराल रूप लेकर सामने आ जाये ये कोई नही बता सकता है । सुनारवाड़ा ओर बोबावत लाइन में टेंशन-
पिछले लंबे समय से सिरोही में जल संकट की विकट परिस्थिति देखने को मिल रही है। सिरोही शहर के बोबावत लाईन सुनार वाड़ा पानी के लिए तरस रहा है । यहां पर 3 दिन के इंतजार के बाद भी नल में बूंद बूंद पानी मिलना नसीब हुआ है । दावा तो यह किया जा रहा है कि 72 घंटों के अंतराल में पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन शहर का यह भीतरी इलाका इस दावे को झूठा साबित करने के लिए काफी है दस दिनों से नसीब नही पानी- विचारणीय तथ्य यह है कि कई इलाकों में तो पानी इतनी तेज गति से आता है कि 10 से 15 मिनट में तो घर में बनी हुए टंकी फूल हो जाती हैं और सुनार वाड़ा और बोबावत लाईन में मुश्किल से 10 बाल्टी भी पानी नसीब नहीं होता है । ऊपर से जिस प्रकार पानी छोड़ा जाता है ऊपरी भाग को छोड़कर ब्रह्मपुरी, सदर बाजार, बोबावत लाईन, सुनार वाड़ा, वहां पर पानी नसीब हो जाए तो अच्छी बात है।
जब हमने बोबावत लाईन निवासी साधना और पारसमल धानेटिया से बात कि जब मालूम चला की हम तो भगवान भरोसे बैठे हैं कब पानी आएगा, पानी का क्या समय होगा और कितना आएगा यह हम नहीं बता सकते । जल संकट की घड़ी में कई गलियों में तो पानी इतना नसीब हो रहा है कि बाहर की गलियां बह रहा पानी लेकिन आज तक विभागीय अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी मोहल्ले वासियों से लेना उचित समझा क्यो हो रही सप्लाई कम सवाल ये भी है की सप्लाई इतनी कम क्यों हो रही है ,आज तक इन गलियों में विभागीय टेंकर सप्लाई तक नही किया जाता है ओर नाही कभी निरीक्षण किया है । यहां पर रहने वाले लोगों का यह कहना है कि हमारी कौन सुनेगा जलदाय विभाग के अधिकारी को कहते हैं की जलापूर्ति समय पर हो लेकिन जब जलापूर्ति होती है जब लाईट नहीं कटती है और जलापूर्ति नहीं होती है उस दिन लाईट कट जाती है क्या ऐसा सिस्टम जंग लगे जैसा नहीं है
लोढा ने जगाया फिर भी नही जागे-
विधायक संयम लोढ़ा द्वारा कई बार अधिकारियों को निर्देश देने के बावजूद भी क्या अधिकारियों के काम करने की इच्छा शक्ति खत्म हो गई है लोग आज इतने परेशान हैं कई इलाकों में तो पानी की भरमार है लेकिन कई इलाके पानी के लिए तरस रहे हैं लेकिन इन अधिकारियों को जब आदेश विधायक महोदय द्वारा दिए गए उसके बावजूद भी इन अधिकारियों के चैंबर से बाहर आकर मोहल्ले वासियों को कभी समस्या का समाधान नहीं किया गया । जब विधानसभा में भी अधिकारियों के बारे में यह कहा गया था कि वह अपने वीडियो कॉन्फ्रेंस और मीटिंग से आगे बढ़ते हुए लोगों की समस्या का समाधान करें और समस्या का समाधान नहीं करते हैं उन्हें घर भेजने की तैयारी करें क्या अब इनके ऊपर कार्रवाई होगी या ऐसे ही मोहल्ले वासी परेशान होते रहेंगे क्या युही विभाग कागज की कार्रवाई में ऐसे ही चलता रहेगा लोगों की परेशानी के लिए कब विभाग जागेगा