एक साल कोंग्रेस बोर्ड सिरोही नगर परीषद, कोरोना काल जनता की उम्मीदो पे खरा नही उतरा बोर्ड
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
बेसहारा पशुओं, सफाई व्यवस्था और सड़क के गड्ढों से परेशान है जनता, सभापति मेवाडा का दावा जनता की उम्मीदों को पूरा करेंगे।
रिपोर्ट हरिश दवे
सिरोही साढ़े तीन दशक के लंबे अंतराल के बाद सिरोही नगर परीषद में भाजपा के बोर्ड को उखाड़ फेंकने में कोंग्रेस को सफलता मिली पर इस सफलता का स्वाद और मजा कोंग्रेस जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य की अगुआई वाली कोंग्रेस पार्टी नही उठा सकी।क्यो की सिरोही नगर परीषद के एक बरस पूर्व हुए चुनावो में पार्षदो को टिकट बाटने से सभापति के चयन ओर चुनाव प्रचार में विरोधी पक्ष पे आक्रामक चुनावी प्रचार के हथकंडों को गुटबाजी में विभक्त भाजपा झेल नही पाई।
गत विधानसभा चुनावों में गोपालन राज्य मंन्त्री की भाजपाई भितरघात के बाद तीतर बितर हुआ भाजपा संगठन और जनरल सीट पे सभापति बनने की होड़ में भाजपाइयों ने ही भाजपाइयों को निपटा दिया।जिसका नतीजा यह निकला कि निर्दलीय विधायक और कोंग्रेस के एसोसिएट मेंबर की शातिर राजनीतिक चालों में जनरल सीट पे कोंग्रेस के मजबूत ओबीसी नेता जो सभी जातियों में लोक प्रिय ओर वार्डो कि चुनावी राजनीति में पार्षदो की जीत के अहम रणनीति कार रहे महेंद्र मेवाडा के सिर पे सभापति पद की ताजपोशी करवा 26 नवम्बर को तख्ते सिरोही सभापती का ताज पहिनाया।
जिसमे सामान्य वर्ग के कोंग्रेस के अनुभवी पार्षद उप सभापति जितेंद्र सिंघी,जितेंद्र एरन,अखिलेश मोदी,ईश्वरसिंह डाबी के अरमानों पे भले पानी फिरा।पर कोंग्रेस के विश्वस्त सिपाही महेंद्र मेवाडा ने विधायक संयम लोढा के हर चुनाव में उंन्हे जिताने में एड़ी चोटी का जोर लगाया।और जनरल सीट पे ओबीसी को सभापती बना उन्होंने एक दाव में अनेक निशान साधे।सिरोही में कोंग्रेस का नगर परीषद का बोर्ड बनने के पहले चुनावी सभाओं में विधायक लोढा ने भाजपा बोर्ड के समय के घोटालों का राज फाश करते हुए अनेक आरोप मढ़े थे।
जिनमें अनेक प्रकरणों में भले मुकदमे दर्ज हुए हो पर बहुचर्चित सीसीटीवी घोटाला, शार्दुलपुरा आवासीय योजना, राजीव नगर आवासीय योजना की लंबित प्रगति को वाजिब गति नही मिली।सभापती महेंद्र मेवाडा के नेतृत्व में गठित बोर्ड में कोंग्रेस ने 24 ओर चार निर्दलीयों ने भी कोंग्रेस को समर्थन दिया।और अपरोक्ष रूप से भाजपा के 9 पार्षद भी नगर के विकास के नाम कोंग्रेस बोर्ड और सयंम शरण हो कर कोंग्रेसी बोर्ड में सकारात्मक भूमिका निभाते वीपक्ष की भूमिका में बेदम हो चुके है।
सभापती महेंद्र मेवाडा भी नगर के विकास और सौंदर्यीकरण में सभी पार्षदो की राय को तवज्जो दे कर विकास को गति देना चाहते है।पर उंन्हे भाजपा बोर्डो की मिली भर्स्ट विरासत,ओर संविदा कर्मियों के बूते चल रहे नगर परीषद प्रशाषन जिसमे अधिकारी ज्यादा ओर स्टाफ की भारी कमी चल रही है।सफाई कर्मी अन्यत्र ड्यूटी दे रहे है और सफाई ठेकों के भरस्टाचार में सफाई व्यवस्था अनेक वार्डो में चरमरा रही है। अतिक्रमण उधोग पे अंकुश लगाने में नगर परीषद प्रशाषन असफल रहा है और कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते भी नगर के विकास प्रभावित हुए।
पर सभापती महेंद्र मेवाडा नगर के विकास के लिए कोरोना काल मे भी चुनोति पूर्वक कार्य कर रहे है।नगर के सौंदर्यीकरण में मुख्य मार्गो पे सघन वृक्षारोपण,पैलेस रोड का सौंदर्यीकरण ओर पथ विधुतीकरण, सीवरेज परियोजना के कार्यो में तेजी,टाउन हाल बनाने की योजना में पहल ओर विधायक निधि से अनेक नगर परीषद क्षेत्र में विकास योजनाओं से नगर की सूरत ओर सीरत बदलने की संभावना बलवती हुई है।पर नगर के मुख्य मार्गो पे अवैध अस्थायी अतिक्रमण,अवैध पार्किंग व पृरे नगर में आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में मौजूदा बोर्ड और नगर परीषद प्रशाषन विफल रहा है।
नगर परीषद क्षेत्र में आज भी अनाधिकृत बांध काम चल रहे है।गत भाजपा बोर्ड के समय से परीषद का करोड़ो का राजस्व हर वार्ड में छितरा पड़ा है।विधायक संयम लोढा बोर्ड मीटिंगों में भी कह चुके है कि किसी भी संस्था को सफलता से चलाने में राजस्व वसूली अहम है।पर नगर परीषद प्रशास्ग्न ने अनाधिकृत व्यवसायिक निर्माण कार्यों जो आवासीय शुल्क अदा कर नियमो के विपरीत बने है उंन्हे बख्श दिया है।अगर सभापती महेंद्र मेवाडा ओर मौजूदा बोर्ड विधायक सयंम लोढा के साथ दृढ़ इच्छा शक्ति और प्रखर विजन रखे तो सिरोही नगर परीषद में विकास के नए सोपान तय हो सकते है।