वैकल्पिक रूप से कक्षा वार विद्यार्थियों को स्कूल बुलाकर अध्यापन कराने की मांग
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरिश दवे
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजकर वैकल्पिक रूप से कक्षा वार विद्यार्थियों को स्कूल बुलाकर अध्यापन करवाने व गृह कार्य देने के आदेश पारित करवाने की मांग की। संगठन के प्रदेश महामंत्री अरविंद कुमार व्यास तथा वरिष्ठ शिक्षक नेता गोपाल सिंह राव के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा इस्माइल दो कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों से व्हाट्सएप के माध्यम से गृह कार्य दिए जाने वह व्हाट्सएप पर ही मंगवा कर उनका प्रिंट निकाल कर उनके मूल्यांकन के बाद पोर्टफोलियो में लगवाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिन विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है उन विद्यार्थियों के घर घर जाकर गृह कार्य देने संभव नही हो पा रहा है।
ऐसे मे अधिकांश विद्यार्थियों के घर-घर जाकर गृह कार्य देना तथा वापस संकलित करना कोरोना संक्रमण फैलाने का कारण बन सकता है। शिक्षा विभाग ने मूल्यांकन के बाद प्रत्येक विद्यार्थी के पोर्टफोलियो में लगवाने की आदेश पारित किए गए हैं । संगठन का निवेदन है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश विद्यार्थियों के माता-पिता के पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को व्हाट्सएप के माध्यम से गृह कार्य देना संभव नहीं हो पा रहा है।
ऐसे में अधिकांश विद्यार्थियों के घर-घर जाकर गृह कार्य देना और पुनः घर-घर जाकर ग्रह कार्य संकलित करने के आदेश जारी होने से शिक्षकों का विभिन्न विद्यार्थियों के घरों में आना-जाना ज्यादा होना पुनर्विचारणीय है। इन आने जाने से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण फैलने की प्रबल संभावना बन गई है। शिक्षा विभाग के स्माइल दो के तहत घर-घर जाकर गृह कार्य देने व उनके संकलन का आदेश सरकार के लिये पुनर्विचारणीय है।
संगठन का सरकार से निवेदन है कि एक और जहां राज्य सरकार तीव्र गति से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नित्य नए-नए उपाय व प्रयास कर रही है। वहीं शिक्षा विभाग शिक्षकों को बालकों के घरों में भेजकर कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को बढ़ाने वाले आदेश जारी कर रहा है। जिससे शिक्षकों एवं बालकों में भय व्याप्त है।
शिक्षक नेता गोपालसिंह राव ने बताया कि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के हित में संगठन का निवेदन है कि शिक्षा विभाग की स्माइल दो कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर कार्य देना और संकलित करना ठीक नही है। इसके स्थान पर विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या निर्धारित करने अथवा प्रतिदिन कक्षा बार विद्यार्थियों को विद्यालय में बुलाने की स्वीकृति प्रदान करने के आदेश पारित करावें।
ताकि बालकों को विद्यालय में संसाधनों का उपयोग करते हुए अध्यापन कार्य करवाया जाए और गृह कार्य देकर उसका आकलन किया जाए। इससे शिक्षण कार्य भी सुव्यवस्थित होगा और कोरोना 19 के संक्रमण के खतरे को भी टाला जा सकेगा।