अधिकतर किसान संगठन कृषि सुधार विधेयकों के समर्थन में - पुरोहित
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
कृषि कानून किसानों की आय दुगुनी करने के लिए मोदी सरकार का एक सर्वश्रेष्ठ कदम, किसानों को राजनैतिक फायदे के लिए किया जा रहा भर्मित-
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने किसान संवाद सम्मलेन में निर्दयलीय विधायक संयम लोढ़ा के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कृषि कानून किसानों की आय दुगुनी करने में मोदी सरकार का एक सर्वश्रेष्ठ कदम है। किसानों की आड़ में कुछ राजनैतिक दलों और संगठनों द्वारा रचित कुचक्र व अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए किसानों का सारा लिया जा रहा है। कृषि कानून किसानो को समृद्ध बनाने का कानून है जो कांग्रेस 8 साल तक स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को दबाकर बैठी रही वह किसान हितैषी कैसे हो सकती है।
पुरोहित ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी भी अपील कर चुके है कि किसी को भी अगर शंका है तो सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार है । इसके अलावा सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण इस संबध में वार्ता कर चुके है ।
पुरोहित ने बताया कि MSP हमेशा रहेगी ,APMC के बाहर निजी बाजारों पर राज्यों को कर लगाने की अनुमति दी जा सकती है, किसी भी प्रकार के विवाद के समाधान के लिए अदालत जाने का विकल्प रहेगा ,राज्यों को कृषि समझोते पंजीकृत करने का अधिकार होगा, कोई भी किसानों की जमींन पर कब्ज़ा नहीं कर सकता है।आप विश्वास रखिये, किसानों के हित में किए गए ये सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, देश के किसानो को स्वत्रंत और सशक्त करेगे । इन्ही कृषि सुधारों की ऊर्जा से हम मिलकर भारत की कृषि को समृद्ध और संपन्न बनायेगे ।
पुरोहित ने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा किसानों को प्रतिमाह बिजली बिलों में दी जा रही सब्सिडी बंद किए जाने पर वर्तमान सरकार की निंदा करते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस पार्टी किसानों की हितैषी होने का केवल दिखावा करती है, वास्तव में उसे किसानों के दुःख दर्द से कोई मतलब नहीं है।
पुरोहित ने कहा कि प्रदेश के किसानों को राहत प्रदान करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने कृषि उपभोक्ताओं के बिलों में प्रतिमाह 833 रुपए की सब्सिडी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से उनके खातों में जमा करवाने की व्यवस्था शुरू की थी जिसका लाभ प्रदेश के 13 लाख किसानों को मिल रहा था। किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी पर आने वाला खर्च लगभग 1000 करोड़ रुपया राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा था। परन्तु कांग्रेस पार्टी को किसानों की खुशहाली खलती है इसलिए अपनी राजनीतिक ईर्ष्या और प्रतिद्वंदता में सरकार ने पहले तो सब्सिडी को अघोषित रूप से बंद कर दिया और फिर परीक्षण के नाम पर रोक लगाने का निर्णय ले लिया।
पुरोहित ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने का अपना चुनावी वादा तो सरकार ने दो साल में भी पूरा नहीं किया बल्कि भाजपा सरकार द्वारा उन्हें बिजली बिलों में दी जा रही सब्सिडी भी बंद कर दी। कांग्रेस पार्टी ने यह साबित कर दिया कि किसानों के प्रति उनकी हमदर्दी सिर्फ नाटक है। पुरोहित ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत किसानों के प्रति अपने घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें तथा किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कृषि बिलों में दी जा रही सब्सिडी को पुनः जारी करें।