उंटों को वध से बचाया
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
तस्करों से नेपाल बोर्डर से बचाए गए 27 उंट
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही, रेगिस्तान का जहाज एवं राज्य पशु उंट जो की तस्करों के माध्यम से बाडमेर, जोधपुर, श्री गंगानगर एवं जैसलमेर से अवैध तरीके से राजस्थान होते बिहार के मार्ग से पश्चिमी बंगाल से बांग्लादेश के वधशाला में बडे पैमाने पर पहुंच रहे है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए उत्तर प्रदेश के बाघपत शहर मुस्लिम पहुंचा रहे है। इस राज्य पशु के संरक्षण, सर्वधन एवं इसकी उपयोगिता राज्य सरकार की ओर से कोई योजना नहीं होने से ऐसी परिस्थिति में उंट पालक उंट को पालने के लिए हताश व निराश होकर असहाय छोड़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
बुधवार को नौ दिन के सफर तय कर बिहार व नेपाल के बोर्डर पर स्थित अररिया जिले के तहसील पलासी पुलिस थाने के मार्फत 27 नर उंटों को संरक्षण एवं रख रखाव हेतु पीएफ शाखा सिरोही को सुपुर्द किए गए।
इनका रहा सहयोग
उंटों को वध से बचाने के लिए ज्ञान फाउण्डेशन, अररिया जिले के कलेक्टर प्र्रशांत कुमार, पुलिस अधीक्षक हरदयाल, पशु चिकित्सक डाॅ. राहुल कुमार एवं इनकी टीम के कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।
यह उंट पीएफए संस्था के अध्यक्ष भरत संघवी के मार्गदर्शन में उतारे गए एवं पीएफए के कार्यकर्ता दिन भर सेवा में जुटे रहे।
संस्था सचिव अमित दियोल ने बताया कि पीएफए उंट आश्रय स्थल में पल रहे उंटों के रख रखाव के लिए प्रतिदिन 15 हजार रुपए खर्च आ रहा है। एक तरफ कोरोना की मार एवं भामाशाहों की कमी के कारण संस्था दिन प्रतिदिन कर्ज के बोझ तले जूझ रही है। स्वस्थ उंटों को उंट पशुपालकों को उत्तरदायित्व प्रपत्र भरवाकर निशुल्क वितरण किए जा रहे है एवं अस्वस्थ एवं नर उंटों को संरक्षण पीएफए द्वारा संचालित उंट आश्रय स्थल पर किया जा रहा है। यह आश्रय स्थल पिछले कई वर्षों से संचालित है।
संस्था के उपाध्यक्ष पुखराज पी शाह ने भामाशाहों से निवेदन किया है कि इस संकट की घडी में वध से बचाए उंटों के लिए चारा पानी एवं संरक्षण हेतु सहयोग दान की संस्था द्वारा अपील की गई है।