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सिरोही जिले के चिकित्सा महकमे से मचा जिले में हाहाकार

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

अवैध ट्रोमा सेंटर, क्लिनिक ओर लेब किसकी शह पर हो रहा संचालन? इलाज़ के दौरान हुई युवक की मौत व अनेक मौत का जिम्मेदार कौन?

पालनपुर हॉस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर के नाम से संचालित हो रहा अस्पताल

एसडीएम, सीएमएचओ और बीसीएमओ की टीम पहुंची निजी अस्पताल

सोशल मीडिया व मीडिया में हंगामे के बाद अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर की जांची डिग्री, तो मेडिकल स्टोर में दवाईयों का देखा लेखाजोखा, हुआ मुकदमा दर्ज।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | सिरोही राजकीय चिकित्सालय की बदहाली, संसाधनों को लेकर भाजपा कोंग्रेस के आरोप, प्रत्यारोप मोदी सरकार व दानदाताओं के वेल्टीनेटरो पर हंगामे ओर डॉक्टर व टेक्नीशियन की कमी का हंगामा अभी तो थमा ही नही था कि सिरोही सरूपगंज कस्बे के पास नई धनारी में संचालित पालनपुर हॉस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर में दो दिन पूर्व कोरोना संदिग्ध एक युवक की इलाज़ के दौरान हुई मौत और उसके बाद उसके परिजनों द्वारा किये हंगामे ने इस निजी अस्पताल के साथ साथ जिले के चिकित्सा महकमे के अधिकारियों,झोला छाप डॉक्टरो,अवैध अस्पताल, क्लिनिक व लेबोरेटरीज की भी पोल उजागर कर दी है।

मृतक कपिल रावल के परिजनों की शिकायत के बाद आज पिंडवाड़ा एसडीएम हरिसिंह देवल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेशकुमार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ एसपी शर्मा इस निजी अस्पताल पहुंचे। और अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर की डिग्रियां देखी। अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर हैं जो ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट हैं। लेकिन बावजूद इसके इस निजी अस्पताल संचालक ने अपनी तिजोरी भरने के लिए यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करके इलाज़ किया जा रहा हैं।

जबकि केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कोविड इलाज के लिए अधिकृत अस्पताल में ही कोरोना मरीजो या कोरोना संदिग्ध मरीजो का इलाज किया जा सकता। इसके साथ ही इस निजी अस्पताल में बायोवेस्ट के निस्तारण में भी भारी खामियां पाई गई हैं। एसडीएम के नेतृत्व में आई टीम ने इस निजी अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर की भी जांच की तो यहां कई प्रतिबंधित ड्रग्स पाए गए, जिसका किसी प्रकार का रजिस्टर निर्धारण नही किया जा रहा हैं।

जांच के दौरान इस अस्पताल में आज भी दो कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती मिले। जो गंभीर लापरवाही और सरकारी नियमों की खुली अवहेलना की श्रेणी में आता हैं। हालांकि एसडीएम ने इन दोनों मरीजो के परिजनों से बातचीत कर उन्हें जिला अस्पताल या आबूरोड़ स्थित मानसरोवर कोविड सेंटर भेजने की समझाइश की पर दोनो मरीजो के परिजन नही माने, और उन्होंने इसी निजी अस्पताल में इलाज़ लेने की इच्छा जाहिर की।

जिस पर एसडीएम ने दोनों मरीजो के परिजनों से लिखित ने उनका जवाब लिया। एसडीएम हरिसिंह देवल ने थानाधिकारी छगन डांगी और बीसीएमओ डॉ एसपी शर्मा को निर्देशित किया कि जांच में जो भी कमियां उजागर होती हैं उसको लेकर अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम के तहत भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

सिरोही जिले के आदिवासी ओर दलित अंचल पिंडवाड़ा,रेवदर ,सरूपगंज में झोला छाप डॉक्टरो की जम कर भरमार है और ये कोरोना बीमारी के इलाज के नाम मरीजो की लूट खसोट कर रहे है।पूर्व में शिवगंज में रेमेडिसवीएर इंजेक्शन की कालाबाजारी उजागर हो चुकी है और सीटी स्कैन की लूट खसोट के मामले भी सामने आते रहे है।और हर मामले मीडिया व सोसल मीडिया में उजागर होने के बाद ही प्रशाशनिक अधिकारी व चिकित्सा महकमा हरकत में आता है।।

धनारी के पालनपुर मेडिकल व जनरल स्टोर के हंगामे व हुई मौतों से जिले की जनता में चिंता की लहर छा गई है। नित रोज युवान,महिलाओं,आम जन के मरने की खबर से हर जन आशंकित है।अब भाजपा व कोंग्रेस के सरपंच,वार्ड पंच,पार्षद,विधायक,सभापति,अध्यक्ष, विधायक,सांसद और राजनीतिक दलो भाजपा कोंग्रेस नेताओ की अहम जिम्मेदारी जिले की जनता को कोविड कहर से बचाने व चिकित्सा सुविधा दिलाने के साथ संक्रमण को रोकने वे आरपीसीटीआर जांच का दायरा बढ़ाने व वेक्सिनेशन को तीव्र करने के साथ आरोप प्रत्यारोप छोड़ मानवता को इस संकट से बचाने में व्यवहारिक योजना पर काम करने का है।और जिला प्रशासन को कोविड गाइड लाइन का सख्ती से पालन करवा कर ही जिले को सुरक्षित किया जा सकता है।

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