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शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही से विद्या सम्बल योजना ठण्डे बस्ते में - धर्मेंद्र गहलोत (राजस्थान शिक्षक संघ)

सिरोही | राज्य सरकार की विद्या सम्बल योजना द्वारा राजकीय शिक्षण संस्थाओं में रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी के तहत नियुक्त किये जाने के संदर्भ में विभागीय स्तर पर शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने के बावजूद आज तक न तो बेरोजगार अभ्यार्थियों से ब्लॉकवार, संस्थावार आवेदन आमंत्रित किये और न ही सरकार द्वारा गठित कमेटी की जिला स्तर पर कोई बैठक आयोजित की। इस पर राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने कडा ऐतराज जताकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, शासन सचिव वित्त (बजट) डॉ.पृथ्वीराज एवं शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी को ज्ञापन भेजकर राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना से हजारों बेरोजगारों को गैस्ट फैकल्टी के रूप में नियुक्ति देने की मांग की।

संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि विद्यार्थियों का अध्ययन अब बाधित नहीं हो इसलिए राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों, आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में विषय विशेषज्ञों को विद्या सम्बल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी के तहत नियुक्त किया जाने के संदर्भ में शासन सचिव वित्त (बजट) डॉ.पृथ्वीराज ने 30 मार्च 2021 को परिपत्र जारी कर जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता एवं जिला स्तरीय जिला शिक्षा अधिकारी अथवा विभागीय नोडल अधिकारी सदस्य सचिव के निर्देशन में चयन समिति जिला स्तर पर योग्य अभ्यार्थियों का प्रत्येक रिक्त पद के विरूद्ध यथा सम्भव तीन अभ्यार्थियों का पैनल तैयार किया जाने के निर्देश ब्लॉक वार जिसमें विषयवार कक्षावार की आवश्यकता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात हैं कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सत्र आरम्भ से पूर्व न तो आवेदन मांगे हैं और न कोई कमेटी की बैठक करना शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही से हजारो बेरोजगार गैस्ट फैकल्टी से रोजगार पाने से वंचित हुए हैं। जबकि सिरोही जालोर सहित राजस्थान के कई पिछडे एवं डार्क जॉन जिले से अन्य जिलो में शिक्षकों की भारी संख्या में रिक्त पदों के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा इतनी महत्वपूर्ण योजना पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं करनो शिक्षा अधिकारियों की घोर लापरवाही हैं।
गहलोत ने बताया कि सिरोही जिले के कई विद्यालय आज भी शिक्षक विहिन हैं एवं कई विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे चल रहें हैं। कई सीनियर सैकण्डरी के विद्यालयों में विषयाध्यापकों की कमी के चलते यह योजना बेरोजगारों को नियुक्ति मिलने पर संजीवनी का काम करेगी। वित्त विभाग द्वारा समस्त संस्थानों में गैस्ट फैकल्टी के मानदेय का निर्धारण भी कर रखा हैं। अब शिक्षण संस्थानों में ऑन लाईन शिक्षण प्रक्रिया संचालित हैं ऐेसे में शिक्षकों की कमीपुर्ति प्रतिनियुक्ति के माध्यम से की जा रही हैं। लेकिन विद्या सम्बल योजना की ओर विभाग का ध्यान न देकर विद्यालयों एवं बेरोजगारों अभ्यार्थियों की उपेक्षा हैं।

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