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अभिभावकों को लूट रहे थे ईजी,अब ज्यादा फीस नही लेंगे निजी

सिरोही ,, ब्यूरो न्यूज़

राजस्थान में नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी प्रभारी हुआ फीस एक्ट

प्रदेश के स्कूल फीस एक्ट को आखिरकार न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। इससे अब प्राइवेट स्कूल वालों की मनमानी नहीं चलेगी

सिरोही जिले में कई समय से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के कारण अभिभावक बहुत परेशान थे यहां पर निजी विद्यालय द्वारा भारी भरकम फीस की लूट मची हुई थी जिसको देखते हुए कई अभिभावकों ने शिकायत भी दर्ज करवाई लेकिन कार्रवाई नहीं करना या कानूनी बाधा उत्पन्न होना सामने आया लेकिन अब निजी विद्यालयों का शिकंजा कसना तय


निजी स्कूलों मेंऔर किताबों स्कूल यूनिफॉर्म की दुकानों से कमीशन के चक्कर में अभिभावक ज्यादा परेशान रहते हैं एक ही दुकान के अंदर एक ही निजी विद्यालय की किताबे मिलती है और इन स्कूलों की सांठगांठ के कारण दूसरों को तो प्रिंट रेट से कम रेट में किताबें दी जाती है लेकिन निजी स्कूलों में प्रिंट रेट चलती है जिससे अभिभावक बहुत परेशान रहते हैं इस कमीशन खोरी का धंधा भी बंद होगा और ऐसी सिरोही में निजी विद्यालय की कमीशन की दुकानें चलती है

प्रदेश के स्कूल फीस एक्ट को आखिरकार न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। इसके साथ ही अब प्रदेशभर में फीस एक्ट प्रभावी हो गया है। न्यायालय ने फीस विनियमन एक्ट 2016 के प्रावधानों को सही ठहराया है। एक्ट के तहत अब शिक्षा स्कूलों पर शिकंजा कस सकेगा। इस एक्ट के न्यायालय में होने के कारण शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की फीस सहित अन्य तरह की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा था।

लेकिन एक्ट के अस्त्तिव में आने पर विभाग सख्ती बरत सकेगा।

पिछले कई महीनों से अभिभावक व सामाजिक संस्थाओं की ओर से इस एक्ट को प्रभावी करने की मांग उठ रही थी। इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जल्द इस कानून को धरातल पर लाने की बात कही थी।

गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार के समय फीस एक्ट बना था। लेकिन इसके लागू होते ही कई निजी संस्थाओं ने इसे न्यायालय में चुनौती दे दी थी।

इसके बाद से यह मामला न्यायालय में था। इस मामले में न्यायालय ने अब सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस एक्ट के सही बताया है। इस कानून के लागू होने के बाद प्रदेश के 35 हजार से अधिक निजी स्कूलों को कानून की पालना करनी होगी। फीस एक्ट की पालना नहीं होने शिकायत मिलने पर निजी स्कूल के खिलाफ विभाग कार्रवाई भी कर सकेगा।


एक बार तय फीस, तीन साल तक नहीं बढ़ेगी

स्कूल में फीस बढ़ोतरी के बाद तीन साल तक दुबारा फीस नहीं बढेग़ी। समिति में प्रिंसिपल, तीन शिक्षक व अभिभावक शामिल होंगे। यह समिति हर विद्यालय स्तर पर भी होगी। जिला स्तर व राज्य स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी हर विद्यालय के फीस रेकार्ड पर निगरानी रखेंगे।


50 हजार से ढ़ाई लाख रुपए तक जुर्माना

निजी स्कूलों ने ज्यादा फीस वसूली तो ढ़ाई लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकेगा। कमेटी की तय फीस नहीं मानने वाले निजी स्कूलों पर 50 हजार से 2.50 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। फिर भी नहीं मानें तो कम से कम एक लाख रुपए या स्कूल प्रबंधन द्वारा वसूली गई राशि के दोगुने जुर्माने में से जो भी अधिक हो वह वसूलने का प्रावधान किया है।

 

शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा के प्रयास आए काम

शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा के प्रयास पूरे काम आए उन्होंने भाजपा जब फीस एक्ट को लेकर आई थी तब इसमें कई कमियां छोड़ दी। इस कारण यह एक्ट न्यायालय तक पहुंच गया। कांग्रेस सरकार ने जनता की भावनाओं को समझते हुए न्यायालय में मजबूत तरीके से पैरवी कराई। इससे सरकार की जीत हुई है।


क्या कहते हैं अधिकारी

राजस्थान फीस विनिमयन अधिनियम 2016 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

आनन्द राज आर्य प्रभारी एवं ACBEO,RTE ब्लॉक सिरोही

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