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आज से प्रर्युषण महापर्व आरंभ

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

आज से जैन समाज की ओर से 8 दिन तक प्रर्युषण महापर्व मनाने की भव्य तैयारियां चल रही है 8 दिन तक जैन धर्म को मानने वाले श्रावक श्राविका प्रतिदिन देव दर्शन गुरु वंदन प्रवचन श्रवण कर आराधना कर पुण्य अर्जित करने में लगे रहेंगे
आचार्य भगवन वी के गुरु उपाश्रय में विराजमान साधु संतों की प्रेरणा से तपस्या कर संकल्प पूरा करेंगे

इन 8 दिन मैं गुरुदेव श्रावक श्राविका के 12 कर्तव्य की शिक्षा देंगे तथा उसकी पालना के लिए प्रक्रिया करेंगे आठवां दिन दान पुण्य वचन कार्य से किसी को दुख ना पहुंचाना के संदेशों को जीवन में उतारने के लिए उपासना में अनेकों प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख किए गए ग्रंथों का वाचन गुरुदेव करेंगे

तपस्या करने वालों की अनुमोदना करना अक्षय पशुओं की सेवा करने पहरी पोशाक करने के साथ दान पुण्य करने का सुअवसर मिलता है

आचार्य ने कहा कि आज दुनिया में हिंसा का आकार मचा हुआ है जहां देखो वहां पूर्णता निर्भरता नजर आती है जिससे बचने के लिए अपने जीवन में भारी परिवर्तन की तरफ बढ़ना होगा हमेशा धार्मिक वात्सल्य क्षमा याचना चैत्य परिपाटी की तरह बनना होगा उन्होंने कहा कि जीवन में समा का गुण जिसके पास है उसको जीवन में कभी कष्ट नहीं हो सकता इन 8 दिनों में शास्त्रों में लिखी बातों को अपने जीवन में उतारने के लिए हमें मनाने का मौका मिलता है यह 8 दिनों में जैन मंदिरों में विशेष सजावट की रचनाएं भक्ति भावना की जाती है

रात्रि तरह सिरोही जिला मुख्यालय पर उपाश्रय में मुनिराज वीके गुरु निश्रा में संघ की ओर से संपूर्ण तैयारियां की जा रही है सिरोही में 14 जैन मंदिरों को सजाया गया है और आगे की तैयारियां की गई है प्रतिदिन प्रातः 9:00 से 11:00 बजे धार्मिक प्रवचन होंग यह जानकारी लाला जैन ने दी

कार्यक्रम,,,,
पर्वाधिराज पर्युषण की आराधना का अमूल्य अवसर।
सिरोही की पावनकारी धन्य भूमि पर।
प.पु.मुनि श्री विश्वोदयकीर्तिसागर म .सा (v .K.guruji) एवं साध्वीजी संवेगयशा श्रीजी आदि की शुभ निश्रा में ।
प्रथम दिन - दिनाँक - 26 अगस्त 2019 - सोमवार।
कार्यक्रम ,,,,पर्युषण पर्व के आठ दिन में करने योग्य 5 कर्तव्य पालन।
(1) अमारी प्रवर्तन (जीवदया)
(2) साधर्मिक भक्ति।
(3)अट्ठम तप (तीन उपवास)
(4)क्षमापना।
(5) चैत्य परिपाटी।
सुबह का प्रतिक्रमण - 5 : 00 बजे।प्रवचन ( धर्मसभा) - 9 : 00 बजे से।शाम का प्रतिक्रमण - 6 : 45 बजे।
श्री संघ के सभी श्रावक - श्राविका समयपर अवश्य पधारकर शाशन की शोभा बढ़ावे।

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