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आर्थिक संकट के युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान - विधायक लोढा

लोढा ने उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत भाटकडा स्कूल का किया शिलान्यास

सिरोही, 11 अक्टूबर। आर्थिक संकट के इस युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान है। आज के समय में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना वास्तव में कठिन है। शादी के बाद अगर एक शिक्षित लडक़ी काम करती है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। यह बात विधायक संयम लोढा ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय भाटकडा, सिरोही को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होने के बाद आयोजित उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।

विधायक संयम लोढा ने उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार बालिका शिक्षा बढावा देने को लेकर अग्रसर है। उन्होंने कहां कि जितनी क्षमता लडको के अंदर होती है उतनी ही क्षमता लडकियों के अंदर भी होती है। बालिकाओं को शिक्षा देने में हमारा समाज पिछड रहा है। आज प्रत्येक क्षेत्र में पुरूषो से बेहत्तर महिलायें कार्य कर रही है। आधुनिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक होता है जो हमें किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है। शिक्षक ही एक शिक्षार्थी में उचित आदर्शों की स्थापना करतें हैं और सही मार्ग दिखाते हैं।

विधायक लोढा ने कहां कि माता पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका स्थान कोई नहीं ले सकता लेकिन एक शिक्षक ही है जिसे हमारी भारतीय संस्कृति में माता.पिता के बराबर दर्जा दिया जाता है। क्योंकि शिक्षक ही हमें समाज में रहने योग्य बनाता है। शिक्षक का संबंध केवल विद्यार्थी को शिक्षा देने से ही नहीं होता बल्कि वह अपने विद्यार्थी को हर मोड़ पर उसको राह दिखाता है और असका हाथ थामने के लिए हमेशा तैयार रहता है। विद्यार्थी के मन में उमडे हर सवाल का जवाव देता है और विद्यार्थी को सही सुझाव देता है और जीवन में आगे बढऩे के लिए सदा प्रेरित करता है।

उन्होंने कहां कि शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा है चाहे वह लडक़ा हो या लडक़ी हो। शिक्षा महिलाओं को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम है जिस पर वह आगे बढ़ती है। पहले समय में लड़कियों की शिक्षा को कभी भी आवश्यक नहीं माना गया था लेकिन समय गुजरले के साथ लोगों ने लड़कियों की शिक्षा का महत्व महसूस किया है। यह अब आधुनिक युग में लड़कियों के प्रोत्साहन के रूप में माना जाता है। अब महिलाएं जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं लेकिन फिर भी कुछ ऐसे लोग हैं जो लड़कियों की शिक्षा का विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि लडक़ी का काम घर तक सीमित है और उन्हें लगता है कि लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करना पैसा व्यर्थ करना है। यह विचार हमे बदलना है। शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है जिससे वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है। इससे वह यह भी तय कर सकती है कि उसके और उसके परिवार के लिए क्या सबसे अच्छा है।

लोढा ने कहां कि शिक्षा एक लडक़ी को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करती है ताकि वह अपने अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को पहचान सके जिससे उसे लिंग असमानता की समस्या से लडऩे में मदद मिले। महिलाओं को घरेलू या यौन हिंसा के शिकार होने की संभावना कम होती है।

कार्यक्रम को नगर सभापति महेन्द्र मेवाडा, समाजसेवी रघु भाई माली जिला शिक्षा अधिकारी गंगा कलावंत, सीडीईओ अमर सिंह, प्रधानाचार्य हेमलता शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपसभापति जितेन्द्र सिंघी, नगर अध्यक्ष जितेन्द्र ऐरन, नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा, डीओ मूलशंकर, एसीबीईओ आनंद आर्य, बीईओ हीरालाल माली,पूर्व प्रधानाध्यापक अमृत माली, पूर्व सभापति धनपत सिंह, पार्षद कांतिलाल खत्री, धनराज माली, सुदांशु गौड, गोविंद माली, अनिल चौहान, सुंदर माली, नैनाराम माली, तलसाराम भील, राजेन्द्र माली, प्रकाश प्रजापति, प्रवीण सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राहुल बिष्ट्र ने किया।

कार्यक्रम से पूर्व विधायक संयम लोढा ने भाटकडा माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत होने पर विधिवत रूप से फीता काटकर उद्घाटन किया।

भाटकडा विद्यालय के नि:शुल्क भूमि आवंटित- विधायक संयम लोढा ने राज्य सरकार से राजकीय माध्यमिक विद्यालय भाटकडा, सिरोही के लिए नि:शुल्क भूमि का आवंटन करवाया।

उल्लेखनीय है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय भाटकडा को आवंटित भूमि नगर परिषद को हस्तांतरित की गई थी। नगर परिषद सिरोही की साधारण बोर्ड भूमि नि:शुल्क आवंटन का प्रस्ताव पारित किया गया था जिसकी स्वीकृति स्वायत्त शासन विभाग ने जारी की। विभाग ने शहरी क्षेत्र आबादी की नई खाता संख्या 590 के खसरा नंबर 2703 में से 1979.95 वर्गमीटर भूमि आवंटन की स्वीकृति दी।

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