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पर्युषण का दूसरा दिन उत्तम मार्दव पर्व मनाया

सिरोही में पर्युषण पर्व के तहत मंगलवार को किए विधान में अर्घ्य चढ़ाते श्रद्धालु। जैन...
पर्युषण का दूसरा दिन उत्तम मार्दव पर्व मनाया

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सिरोही में पर्युषण पर्व के तहत मंगलवार को किए विधान में अर्घ्य चढ़ाते श्रद्धालु।

जैन मंदिर में उपाध्याय अनुभव वीं के गुरु महाराज एवं उनके सानिध्य में पर्युषण पर्व का दूसरा दिन उत्तम मार्दव मनाया गया| शुरुआत अभिषेक, पंचामृत अभिषेक का लाभ और द्रव्य दान का सौभाग्य मंगलेश क परिवार को मिला और शांतिधारा के पश्चात गुरुदेव चित्र अनावरण, पादप्रक्षालन, शास्त्र भेट किया गया मुनि पूज्य वीं के गुरु महाराज के मार्दव धर्म पर बोलते हुए कहा कि जीवन में व्यक्ति को किसी से अपेक्षाएं नहीं रखना चाहिए मार्दव धर्म के अभाव में मान कषाय जाग्रत हो जाती है मान व्यक्ति कीसामाजिक,धार्मिक और आर्थिक छवि को खराब कर देती है वीके गुरु ने अपने प्रवचन में कहा की मुस्कराहट खुद तो घुमावदार है लेकिन आने वाली टेड़ी मेडी मुश्किलों को सीधा कर देता है जिस प्रकार डॉक्टर एक ही दवाई को तिन प्रकार से देता है एक पिने की (लिक्विड) दूसरी गोली (टेबलेट) और तीसरी सिरिंज मतलब इंजेक्शन उसी प्रकार ये दिन तो दस है, लेकिन उनमे परोसेे जाने वाला धर्म एक जैसा है बस नाम अलग अलग है प्रतिदिन के अनुसार शाम को आरती,भजन,प्रवचन और सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन हुआ

जैन समाज के श्रद्धालुओं ने दस लक्षण पर्युषण पर्व का दूसरा दिन मार्दव धर्म के रूप में मनाया। पर्व के दूसरे दिन शहर के जैन मंदिरों में श्रीजी की प्रतिमा का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन पाठ, आरती के आयोजन हुए। जैन समाज के लोग शाम को अजीतनाथ जी जैन मंदिर में आरती करने के लिए गए

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