सिरोही भाजपा में जिलाध्यक्ष पद को लेकर छिड़ा घमासान, होंगा निर्विरोध या होंगे चुनाव
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
संयोजक हरीश दवे
भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष पद पर संघ पृष्ठभूमि से आमेर के विधायक और भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओर भाजपा प्रदेश संगठन में चार बार प्रदेश महामंत्री रह चुके सतीश पुनिया की घोषणा के बाद भाजपा की सिरोही जिले की राजनीति में उबाल आ चुका है।जिसका नजारा कल भाजपा जिला कार्यालय ओर सरजावाव दरवाजे में पुनियाजी जी के प्रदेशाध्यक्ष बनने की खुशी में आतिशबाजी के दौरान नजर आया।सिरोही जिले में अभी भाजपा से सांसद और दो विधायक जिला प्रमुख,तीन प्रधान तथा अस्थिरताओं की शिकार सिरोही नगर परिषद शिवंगज,पिंडवाड़ा,आबूरोड,माउंट आबू के भाजपा बोर्ड के अध्यक्ष है।जिनमे धमा चौकड़ी मची हुई है।।अभी भाजपा का सदस्यता अभियान संपूर्णता के निकट है।तथा सदस्यता अभियान प्रदेश संयोजक सतीश पुनिया के निर्देशानुसार जिला संयोजक योगेंद्र गोयल ने जिले के सभी मंडलो में सुनियोजित तरीके से चलाया।
गत विधानसभा में असाधारण नतीजो में पूर्व गोपालनराज्यमंत्री ओटाराम देवासी की पराजय में विधायक लोढा ने सिरोही विधानसभा क्षेत्र को भाजपा व कोंग्रेस मुक्त कर दिया और निर्दलीय विधायक संयम लोढा पर भाजपा बोर्ड को अस्थिर करने का आरोप गाहे बगाहे भाजपाई लगाते रहते है।पर गत दिनों निलम्बित हुए सिरोही नगर परिषद के सभापति ताराराम माली के स्थान पर सभापति बनाने में विधायक संयम लोढा की अपरोक्ष सक्रियता से भाजपा में जबर दस्त सेंधमारी हुई है।अब आगामी स्वायत शाशि, व पंचायती राज चुनावो में भाजपा को चुनावी लड़ाई जितनी है और इस माह में संभवतया भाजपा जिलाध्यक्ष पद के चुनाव या निर्विरोध निर्वाचन होता है इस पर कार्यकर्ताओं और जनता की नजर है।हालाकि भाजपा में नए ऊर्जावान प्रदेशाध्यक्ष एवम सदस्यता अभियान को प्रदेश में सफलता पूर्वक चलाने तथा जिले में अनेक भाजपा पदाधिकारी ओर कार्यकर्ताओ से सीधा संपर्क होने के साथ जिलाध्यक्ष चुनाव के दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ मण्डल स्तर पे सक्रियता शुरू कर दी है।भाजपा प्रदेश संगठन केंद्रीय नेतृत्व की संगठनात्मक योजनाओ को हर जिले में मजबूती से फैलाना चाहता है।और संगठन में जिलाध्यक्ष के चयन में संघ परिवार की अहम भूमिका रहेगी।पूर्व विधायक भोपाजी की हार के अनेक कारण रहे पर उसकी कीमत तत्कालीन जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी को पद से हट कर चुकानी पड़ी और अपनी शांत संयत छवि के चलते संघ परिवार के वरद हस्त ओर विश्वास से भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित दुबारा जिलाध्यक्ष बने लेकिन उन्होंने पुरानी कार्यकारिणी में कोई बदलाव नही किया।
अगर संघ परिवार की चली तो भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर संघ पृष्ठभूमि का भाजपा पदाधिकारी निर्विरोध जिलाध्यक्ष बन सकता है।जिसमे मौजूदा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ,प्रदेश भाजपा नेता सुनील व्यास का नाम प्रमुखता से चल रहा है।अगर अपने रसूखात के चलते अगर जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित,प्रदेश कार्यालय मंत्री सुनील व्यास,ओर पूर्व जिला महामंत्री वीरेंद्र सिंह चौहान को भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में ले लिया गया तो अलग बात पर यह तीनों पदाधिकारी जिलाध्यक्ष भाजपा के प्रबल दावेदार है।और गत चुनाव में चुनाव लड़ने से वंचित रहे पूर्व जिला महामंत्री एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान के तेवर अपने समर्थकों के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष का चुनांव लड़ने के दिखा दिए है।और श्री चौहान हर हाल में भाजपा जिलाध्यक्ष का चुनाव लड़ने की ठान चुके है।वैसे पूर्व जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी के समर्थक भी उंन्हे जिलाध्यक्ष बनाने की जुगत भिड़ा चुके है और सांसद देवजीभाई पटेल ने भाजपा जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी में लुम्बाराम चौधरी की तरफदारी की तो लुम्बाराम चौधरी भी भाजपा का चुनाव लड़ सकते है।आगामी नगर पालिका ओर पँचयती राज के चुनांव लड़ने के इच्छुक जन ओर संगठन में जिला और मण्डल के चुनावों में कार्यकारिणी ओर प्रकोष्ठों में आने के लिए जिलाध्यक्ष के दावेदारों के साथ संगत बिठा रहे है।
अगर मौजूदा राजनीतिक परिस्थियो में विधायक संयम लोढा की राजनीतिक ताकत को रोकने और भाजपाइयों को संगठन की संयमी सेंधमारी से बचाने में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को आगामी जिलाध्यक्ष के चुनावो में सावधानी बरत संगठन को मजबूती व एकजुटता दे कर लोकल बोडी पंचायती राज चुनावो में भाजपा के बोर्ड बन सके उन चुनोतियो से निपटने में सक्षम जिलाध्यक्ष नही मिला तो विधायक संयम लोढा की राजनीति भाजपा संगठम के लिए नुकसान देह हो सकती है।अब संगठन में निर्विरोध चुनांव होते है या सर्वानुमति बनती है या चुनाव होते है।लेकीन भाजपा की मौजूदा गुट बाजो, भितरघात,ओर विभिन्न बोर्डो के कारनामो ओर संगठन को एकजुट रख विपक्ष के कार्यकाल में कोंग्रेस सरकार को घेरने में सक्षम जिलाध्यक्ष की मांग भाजपा कार्यकर्ताओं से उठ रही है।जिसमे दावेदार जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित, प्रदेश नेता सुनील व्यास, पूर्व जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी और पूर्व जिला महामंत्री वीरेंद्र सिंह चौहान में से ही कोई जिलाध्यक्ष बनेगा और विशेष परिस्थितियों में जिला प्रमुख श्रीमती पायलअरुण परसरामपुरिया भी जिलाध्यक्ष के चुनाव लड़ सकती है।