विधानसभा में रखी बात, नहीं सुधर रहे हैं अस्पताल के हालात
पिछले लंबे समय से जिला मुख्यालय स्थित सार्वजनिक चिकित्सालय के हालात सुधरने का नाम ही नही ले रहा । विधानसभा में विधायक लोढा द्वारा सदन को अवगत कराने के बाद भी इस अस्पताल में काफी डॉक्टर होने के बावजूद हर समय मरीजो को इनकी कमी खल रही है । ऐसे में मरीज जमकर परेशान है ।
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सिरोही मुख्यालय पर चिकित्सा कर्मियों की कमी नहीं है लेकिन आए दिन लोग परेशान ही दिखते हैं जिला मुख्यालय पर इसका जिम्मेदार कौन इनकी मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण आज जिला मुख्यालय पर ऐसी हालत बनी हुई है
बाहर बैठे कर्मचारियों को पूछने पर यह ज्ञात होता है कि मेडिकल वार्ड में गए हुए हैं या सर्जिकल वार्ड में गए हुए हैं चेकअप के लिए लेकिन एक-दो घंटे से नहीं आना और लोगों को परेशानी का सामना करना
यह कहां तक उचित है जिला मुख्यालय पर यह हालत है तो गांव में कैसी स्थिति होगी इस पर प्रशासन तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करें जिससे आने वाले समय में लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े
जिला कलेक्टर के आदेश भी हवा में
बार-बार जिला कलेक्टर में मीटिंग का दौर जारी रहता है और हर सोमवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की मीटिंग होती है और आदेश भी दिए जाते हैं लेकिन इन आदेशों की पालना इन अधिकारियों के द्वारा क्यों नहीं की जाती ग्रामीण इतने परेशान हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं ऐसा क्यों जिस प्रकार आज चिकित्सा विभाग में लोगों की कतार और भीड़ देखी गई उससे तो यही लग रहा है कि किसी प्रकार की मॉनिटरिंग नहीं है और डॉक्टर कक्ष में डॉक्टर मौजूद नहीं है अब आगे प्रशासन क्या करता है वह देखने वाली बात होगी
पूर्व में चिकित्सा विभाग को सुधारने के लिए आगे आए थे बन्ना लाल
पूर्व में देखा जाए तो प्रतिदिन चिकित्सा विभाग मैं सुबह 9:00 बजे हॉस्पिटल की कार्य व्यवस्था हेतु मॉनिटरिंग के लिएपूर्व जिला कलेक्टर बनना लाल द्वारा समय समय पर चिकित्सा विभाग का निरीक्षण किया गया और रात्रि में भी 10:30 या 11:00 बजे निरीक्षण किया गया क्या वह निरीक्षण वापस होंगे या यूं ही गरीब जनता पिसती रहेगी
जिले में मौसमी बीमारी के मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन डॉक्टर नदारद ही है। सिरोही जिला अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ संभालने के लिए डॉक्टर तो है, लेकिन डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी है।मौसमी बीमारियों को देखते हुए डॉक्टरों को मुख्यालय पर रहने के सचत आदेश दे रखे हैं,
लेकिन यहां का नजारा इसके विपरित ही है। डॉक्टरों के अभाव में मरीज कई घंटे कतार में लगे रहे। इंतजार करते हुए ही कुछ मरीजों की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। लोगो ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए,
लेकिन आए दिन अवकाश रहने से मरीज परेशान हैं। सोमवार सवेरे से ही अस्पताल में मरीजों की खासी भीड़ रही। इंतजार के कारण कई लोग निजी अस्पताल चले गए।
इलाज के लिए यह अस्पताल आसपास के कई गांवों का सहारा बना हुआ है। गांवों के मरीज आते हैं, लेकिन अस्पताल की ऐसी स्थिति देखकर उदयपुर या पालनपुर जाने को मजबूर है।