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कब तक मिलेगी सुविधा कब तक हम रहेंगे वंचित बबली गरासिया

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्टिंग हरीश दवे

शिक्षा में प्रोत्साहन छात्रवृत्ति तथा एससी एसटी वर्ग की बालिकाओं क्षणिक उन्नयन के लिए अनेक योजनाएं चला रही है लेकिन दुर्भाग्य है सिरोही जिले ओर जिला मुख्यालय का जहाँ राजकीय महाविद्यालय ,महिला महाविद्यालय,विधि महाविद्यालय होते हुए दूरदराज ओर ग्रामीण अंचल से अध्ययन करने आने वाली छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा नही होने से अनेक छात्राये किराये पे मकान लेने को मजबूर है।।प्राप्त जानकारी के अनुसार सिरोही में समाज कल्याण विभाग द्वारा महिला कॉलेज में अध्ययन रत एससी एसटी की छात्राओं के लिए छात्रावास बना हुआ है।तथा गत सरकार के आदेश के बाद जनरल व ओबीसी वर्ग की छात्राओं के अंक प्रतिशत के आधार पर हॉस्टल में उनके लिए भी स्थान आरक्षित है।हॉस्टल में वर्तमान में करीब 58 छात्राये अध्ययन रत निवास कर रही है और दर्जनों छात्राओ होस्टल में प्रवेश पाने के लिए आवेदन किया है लेकिन हॉस्टल में जगह नही है और वेटिंग लिस्ट के आधार आवेदक छात्राओं को प्रवेश मिलेगा।

 

करीबन एक माह से महिला छात्रावास में प्रवेश के लिए तरस रही पंच देवल निवासी सूश्री बबली गरासिया प्रथम वर्ष कला राजकीय महाविद्यालय ने आज वार्डनर से मिली और समाज कल्याण अधिकारी को मिलने समाज कल्याण विभाग पहुची जहाँ समाज कल्याणअधिकारी कलेक्टरेट में मीटिंग होने से नही मिले।और विभाग के हेमन्त ओझा ने छात्रा बबली को दिलासा दिलाई की आप धैर्य रखें आपको छात्रावास में एडमिशन मिलेगा।।सवाल यह उठता है कि जिला मुख्यालय पे महाविद्यालय पे अध्ययन रत छात्राओं को मुख्यालय पे पढ़ने के लिए छात्रावास की सुविधा मिल सके इस बाबत जन जन प्रतिनिधि ओर राज्य सरकार को जिला मुख्यालय पे महिला छात्रावास का विस्तार करना चाहिए।आदिवासी छात्रा बबली ग्र्रासिया ने कहा कि वो गरीब मजदूरी करने वाले पिता की पुत्री है और आवागमन में उसे नित रोज 100 रुपया खर्च होता है।जिसे में वहन नही कर सकती।मेने विधायक समाराम जी को भी फोन पे बताया राज्य सरकार और प्रशाशन को हम आदिवासी छात्राओं को पढ़ाई के लिए छात्रावास में प्रवेश देना चाहिए अन्यथा नित रोज का किराया वह न नही करने वाली छात्राये अध्य्यन छोड़ने को भी मजबूर होती है।

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