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छःरि पालित संघ का पावापुरी में हुआ भव्य सामैया

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

समता भाव से ही कल्याण संभव: आचार्य रविरत्नसूरी

सिरोही छःरि पालक संघ आचार्य भगवंत रविरत्नसूरीजी आदि ठाणा की निश्रा में मंगलवार को पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम में पहुचने पर के पी संघवी परिवार एवं पावापुरी ट्रस्ट मंडल की ओर से भव्य सामैया कर स्वागत किया गया। तपस्वी रत्न श्रीमती रतन बेन ने तीन प्रदक्षिणा देकर व गवली कर आचार्य श्री का मुख्य द्वार पर सामैया किया। गोशाला के गौपालको ने नृत्य कर तीर्थयात्रिकों का अभिनंदन किया। चतुर्विद संघ के साथ आचार्य श्री ने मुख्य जिनालय में भगवान शंखेश्वर पाश्र्वनाथ के समक्ष सामूहिक चैत्यवंदन करवाया। यहां से गाजते बाजते पदयात्री उपासरे पहुंचे जहां गूरूवंदन कर आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया व मांगलिक सुना।


700 पैदलयात्रियों को तीर्थों के दर्शन कराने वाले संघ यात्रा आयोजक श्रीमती पवनी बेन देवीचंदजी, पुत्र किरण, नरेश एवं भ्राता हीराचंद एस. कांकरिया का उनकी धर्मपत्नी मंजु बेन, अंजु बेन, हेमा व रिंकु कांकरिया व दीपक एच. कांकरिया का के पी संघवी परिवार एवं के पी संघवी रिलिजियस ट्रस्ट की ओर से महिलाओं का श्रीमती रतन बेन बी संघवी एवं पुरूषों का ट्रस्ट के चेयरमेन किशोर एच संघवी एवं ट्रस्टी नवलमल तातेड, पुखराज जे बाफना, उनमल तातेड, रमणलाल बाफना, चेतन खुमचंदजी बाफना व मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने तिलक-साफा-माला एवं रजत से स्वागत किया ओर ट्रस्ट की ओर से एक रजत अभिनंदन पत्र कांकरिया परिवार को अर्पण किया। ट्रस्ट के चेयरमेन किशारे एच. संघवी ने तीर्थ यात्रा संघ का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजनो से शासन प्रभावना होती हैं ओर व्यक्ति के मन में सुविचार एवं त्याग-तपस्या व आराधना के भाव जागृत होते हैं।


दोपहर प्रवचन में आचार्य रविरत्नसूरी ने कहा कि समता भाव से ही जीवन का कल्याण संभव हैं इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन मे उदारता, सदाचार, भाईचारा, श्रद्धा एवं सहनशीलता को अपनाना चाहिए उन्होंने कहा कि व्यसन से दूर रहने के लिए दृढ इच्छा शक्ति की जरूरत हैं। प्रन्यास प्रवर वैराग्य विजय महाराज ने कहा कि भगवान महावीर ने अपने जीवन काल में जो हित शिक्षा यथा जीओ ओर जीने दो’’ व अहिंसा परमो धर्म’’ दी है वो आज भी प्रासांगिक है। प्रवचन के बाद कुमारपाल राजा के रूप में आरती व मंगलदीपक का लाभ ललित कुमार फतेहचंदजी बाफना परिवार दांतराई-बगलुरू ने 36 हजार 36 मण में लिया ओर गाजते बाजते हाथी पर विराजित होकर जिनालय में आरती करवाई।


तीर्थ यात्रा संघ आयोजक परिवार के किरण देवीचंदजी कांकरिया ने पावापुरी ट्रस्ट व के पी संघवी परिवार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज संघ यात्रिको को पावापुरी तीर्थ में विशेष आनन्द की अनुभूति हुई ओर यहां पर जीवदया का जो कार्य हो रहा है वो अद्वितीय व प्रेरणादायक हैं।
यह तीर्थ यात्रा संघ बुधवार को ईसरा में विश्राम कर गुरूवार को दियाणा व शुक्रवार को लोटाणा तीर्थ पहुंचेगा।

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