बामणवाडा प्राचीन मे पहुंचा छः रि पालित संघ, हुआ स्वागत क्षमा भाव मे जीवन की सफलता निहित है: रविरत्नसूरी
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही दांतराई से राणकपुर छःरि पालित संघ शनिवार को बामणवाडा प्राचीन तीर्थ मे पहुंचा जहां पर तीर्थयात्रियों ने भगवान महावीर स्वामी का वो स्थल देखा जहां पर भगवान महावीर स्वामी के कानो में कीले ठोके गये’’ फिर भी भगवान महावीर ने कोई प्रतिवाद नही किया।
संघ की निश्रा प्रदान करने वाले आचार्य भगवंत रविरत्नसूरी ने अपने प्रवचन में कहा कि जीवन में ‘‘क्षमा’’ भाव का अत्यंत महत्व हैं व्यक्ति से अनेक भुले होती हैं व कडवा बोला जाता हैं लेकिन व्यक्ति इसको ‘‘क्षमा’’ करने का मानस बनाकर दिल से ‘‘क्षमा’’ कर देवे तो उसे जीवन में बडा शकुन मिलेगा।
तीर्थयात्रा आयोजन कांकरिया परिवार का बामणवाडा तीर्थ संचालक के पी पेढी के ट्रस्टियों ने बहुमान किया। यहां से यह पैदल संघ सिवेरा तीर्थ के ग्रामवासियो ने चतुर्विद संघ का स्वागत किया।
सिवेरा मे प्राचीन तीर्थ में पूजा दर्शन का लाभ लिया ओर रात्रि विश्राम किया। पैदल तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए सिरोही पिंडवाडा व आस पास से भी जैनबंधु पधारे। कांकरिया परिवार ने के पी पेढी के ट्रस्टियों का भी बहुमान किया।
रविवार को यह पैदल संघ नाणा प्राचीन तीर्थ पहुंचेगा व रात्रि विश्राम यहां रहेगा। दियाणा-नांदिया-बामणवाडा व नाणा भगवान महावीर के जीवन काल के तीर्थ होने से इन्हें ‘‘जीवित स्वामी’’ के तीर्थ के रूप में भी जाने जाते हैं।
नाणा मे भगवान महावीर स्वामी की विशाल प्रतिमा विराजमान हैं। तीर्थ यात्रा संघ के आयोजक कांकरिया परिवार के किरण व नरेश ने बताया कि उनके पिताश्री ने इस यात्रा का प्लान किया ओर तैयारिया की लेकिन संघ शुरू होने से पहले वो हमारे बीच नही रहे ओर हमे इसकी कमान संभालनी पडी। हमको दंातराई संघ व अन्य संघों का पुरा सहयोग व स्नेह मिल रहा है इस कारण यह संघ अपने निर्धारित लक्ष्य से चल रहा है ओर संघ में शामिल यात्रियो को भी आनंद की अनुभूति हो रही हैं। रास्ते में ग्रामवासी भी हमारा उत्साह बढा रहे हैं।