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बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा में सरकारी व्याख्याता को ही लगाया जाये - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

शिवगंज : राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलो मेंत, शिक्षामंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा एवं माध्यमिक शिक्षा अजमेर के अध्यक्ष को ज्ञापन भेजकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा प्रायोगिक परीक्षा में निजी शिक्षकों को परीक्षक/वीक्षक लगाने के निर्णय पर अविलम्ब रोक लगाकर राजकीय स्कूली व्याख्याताओ से ही प्रायोगिक परीक्षाओं का सफल आयोजन करवाने की मांग की हैं।

संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया हैं कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की पुरे भारत में एक अलग पहचान एवं शाख बनी हुई हैं। यहां का परीक्षा पैटर्न अन्य राज्यों की तुलना में बहुत सराहनीय हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की भारत में गोपनीयता बनी हुई है। लाखों छात्रों की बोर्ड परीक्षा एवं प्रायोगिक परीक्षा का सफल आयोजन किया जाता है। लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात हैं कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर परीक्षा 2020 में बोर्ड द्वारा निर्णय किया हैं कि प्रायोगिक परीक्षा में निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षक एवं वीक्षक बनाने हेतु पंजियन प्रारम्भ किया हैं जो माशिबोर्ड की गोपनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाता हैं। राजकीय विद्यालयों में प्रयाप्त संख्या में स्कूली व्याख्याता उपलब्ध होने के बावजूद निजी शिक्षकों को प्रायोगिक परीक्षा हेतु भेजना अनुचित हैं। क्योंकि पिछले वर्षों में बोर्ड ने निजी शिक्षकों को प्रायोगिक परीक्षा हेतु परीक्षक के रूप में भेजने से कई तरह की व्यापक स्तर पर बोर्ड को अनियमितता की शिकायते प्राप्त हुई थी। इसलिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की परीक्षा 2020 के सफल आयोजन एवं राज्य सरकार के पारदर्शी संवेदनशील जवाबदेही सरकार के निर्णय अनुसार निजी शिक्षकों को प्रायोगिक परीक्षा 2020 में परीक्षक/वीक्षक के रूप में लगाने के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के निर्णय पर रोक लगाकर सरकारी स्कूली व्याख्याताओ से ही सफल प्रायोगिक परीक्षा करवाकर छात्र-छात्राओं के हित में निर्णय करवाने की मांग की।

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