वन्य प्राणियों की पेयजल सुविधा की मुहिम का शुभारंभ 25 अप्रैल से
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
हमारी एक आदत बनेगी पीढ़ियों के संस्कार, भागीरथी प्रयास एवं साहसिक कदम से वन्य प्राणियों का होगा जीवन दान
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन है इस मुहिम में बच्चे, बुजुर्ग, महिला एवं भामाशाह द्वारा कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्म करने की भूमिका निभा रहे हैं ।
वर्तमान में हमारा जिला भीषण गर्मी एवं अकाल से ग्रस्त है जिस कारण वन्य प्राणी पानी की तलाश में प्यास बुझाने के लिए आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में या रियासी क्षैत्रो में आने से अपनी जान दुर्घटना मे अपनी जान गवा बैठे हैं ।
कोरोना वायरस लोक डाउन के दौरान ऋषभ ग्लोबल फाउंडेशन,सर्राफा संघ,जैन नवयुवक संघ,प्रजापत युवा संघ,ब्रम्ह मण्डल आदि अनेक संस्थान गोवंश,वानर,श्वान के भोजन पानी का प्रबंध कर रहे है।ऐसी ही परिस्थिति में पीपल फॉर एनीमल स्थानीय भामाशाह के योगदान द्वारा प्रत्येक वर्ष 3 महीने तक जब तक बारिश नहीं आए तब तक पानी के टैंकरों के माध्यम से वन्य क्षेत्रों में बने अवाड़ा, एनीकट एवं छोटे तालाबों में पेयजल सुविधा करवा रहा हैं।
इस मुहिम के प्रभारी पुखराज पी. शाह ने बताया की झोरा जैन संघ, जैन संस्थाओं स्थानीय भामाशाह एवं प्रवासी लोगों के योगदान द्वारा प्रतिदिन 12 टैंकर सिरोही जिले के वन क्षेत्रों में पेयजल सुविधा के लिए चलाए जायेगे हैं टैंकरो की मॉनिटरिंग वन विभाग द्वारा की जायेगी है एवं यह पेयजल सुविधा बारिश आने तक रहती है इसी के साथ सिरोही जिले के अभावग्रस्त गांवों में जहां पर पानी के होदी बनी है वह नियमित पानी की व्यवस्था एवं रोड साइड पर असहायों पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था संस्था द्वारा की जायेगी ।
संस्था सचिव अमित दियोल ने बताया
कि पक्षियों के लिए परिंदे एवं श्वानों के लिए पानी की कुंडी जिलेभर में निशुल्क वितरण की जाएगी । इस अभियान में करीबन 600 टैंकर पेयजल हेतु वन क्षेत्र वाड़ाखेड़ा घासबीट, कलस्टर प्रथम मीरपुर, कलस्टर दितीय धानता, धल्ला विरोली घासबीट, सी.सीएस विरोली, गणकेश्वर महादेव पालडी एम. मोटाल वन पहाड़ी वन क्षेत्र, सिदरथ पहाड़ी वन क्षेत्र इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में यह व्यवस्था का लक्ष्य संस्था द्वारा रखा गया । संस्था द्वारा इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय भामाशाह एवं दानवीरो को आगे आकर संस्था की मदद करने का निवेदन किया गया जिससे यह बेजुबान प्राणी भीषण गर्मी व अकाल से अपनी प्यास बुझा पाएंगे एवं इन्हें जीने की राह मिल सकेगी ।