सिरोही के बाद अब शिवगंज नगर पालिका की पूर्व पालिकाध्यक्ष कंचन सोलंकी के विरुद दर्ज हुई एफ आई आर
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही । बीजेपी बोर्ड में हुए घोटालो की जांच करवाने का वायदा करने वाले विधायक संयम लोढ़ा ने घोटालो की परतें खोलना शुरू की जिस पर राज्य सरकार ने घोटालेबाजो के विरुद जांच प्रारम्भ करते हुए शिवगंज की पूर्व पालिकाध्यक्ष कंचन सोलंकी को पद के दुरुपयोग व पालिका को राजस्व को नुकसान पहुचाने के मामले में निलंबित कर दिया था उसी मामले में 5 जून 20 को नगर पालिका के EO अरुण शर्मा ने पुलिस थाना शिवगंज में सोलंकी के विरुद भादस की धारा 420,467,468, व 471 में मामला दर्ज करवाया है ।
EO ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कंचन सोलंकी व अन्यो ने जानबूझकर अपने पदीय कर्तव्यों की अवज्ञा करते हुए नगर पालिका की बेशकीमती भूमि को नियम विरुद तरीके से कम राशि मे नियमन कर कूट रचित दस्तावेज की रचना कर पालिका को राजस्व का नुकसान पहुचाया व रिकार्ड में हेरा फेरी कर रेकर्ड को खुर्द बुर्द किया है इसलिए उनके विरुद मुकदमा दर्ज किया जावे ।
परिवाद में कहा है कि सोलंकी व तत्कालीन पालिका अधिकारी ने जगदीश पूरी पुत्र दरियापुरी जी शिवगंज को मिथ्या तथ्यों के आधार पर 1500 फुट का नियमन कर पालिका को राजस्व का नुकसान पहुचाया ।नियमन में बताया गया कि बोर्ड की बैठक 21 मई 2014 में पारित प्रस्ताव के अनुसार यह नियमन किया गया है जबकि हकीकत में कोई ऐसा प्रस्ताव लिया ही नही गया ।
जगदीशपूरी के छोटे भाई राजेन्द्र पूरी को भी नियमो के विपरीत भु पट्टी का पट्टा बना दिया और उसका निष्पादित दस्तावेज का कोई रेकर्ड पालिका में नही रखा और रेकर्ड में हेरा फेरी कर गड़बड़ी करते हुए रेकर्ड को खुर्द बुर्द कर दिया और उससे पालिका को राजस्व का भारी नुकसान पहुचाया है ।
पुलिस ने EO की रिपोर्ट पर FIR दर्ज कर जांच शुरू की है ।
सिरोही नगर परिषद में भी गलत नियमन के मामले में तत्कालीन आयुक्त लालसिंह राणावत के विरुद व सरकारी दीवार के पत्थर चोरी के मामले में भी आयुक्त ने 2FIR दर्ज करवाई है जिसकी जांच शुरू हुई है ।
संयम लोढ़ा ने सिरोही नगर परिषद में बीजेपी बोर्ड पर 50 करोड़ के घोटालो के खुले आरोप लगाते हुए उनकी जांच का वायदा कर नगर परिषद में अपना बोर्ड बनाया और अब वे इन घोटालो को खोलने की रणनीति पर काम कर रहे है ।
उनके विधायक बनने के बाद जांच को प्रभावित न कर सके उसके लिए प्रारम्भिक जांच के बाद सरकार ने दोनों निकाय प्रमुखों को निलंबित किया जिस पर दोनों हाई कोर्ट भी गए लेकिन उन्हें पद से हटना ही पड़ा ।
सिरोही की जनता को विश्वास है कि वे 50 करोड़ के घोटालों में लिप्त लोगो को बेनकाब करके ही रहेगे।