लोढ़ा के हस्तक्षेप के बाद वन मंत्री ने दिए जांच के आदेश
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
मजदूर की जगह मशीन का मामला
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही। राज्य सरकार ने वन विभाग सिरोही में वर्ष 2019-20 में हुए कार्याे में स्थानीय मजदूरो से काम न करवाकर मशीनरी से करवाने के मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हाॅफ) को जांच के निर्देश दिये है। वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने प्रकरण की जांच नियंत्रण एवं मूल्यांकन शाखा के उच्च अधिकारी से करवाने के लिये कहा है।इसके साथ ही वृक्षारोपण की जीवितता का मूल्यांकन भी करवाने का कहा है। विधायक संयम लोढा ने इस संबंध में लिखित शिकायत की है।
वन मंत्री ने निर्देश दिये है कि वर्ष 2019-20 में वन विभाग में केम्पा, आरएफबीपी व अन्य योजनाओं में स्थानीय मजदूरो से कार्य न करवाया जाकर मशीनरी से कार्य किया गया। इनमें सिरोही रेंज के अधिन नामा पालडी जोड के अंतर्गत सिक्खो का जोड में नाडी खुदाई एवं खाई फेसिंग का कार्य जो मजदूरो से करवाना था, परंतु मशीनरी से करवाया गया। इसी तरह नाका पोसालिया के अंतर्गत वाण में नाडी खुदाई एवं खाई फेसिंग का कार्य मजदूरो की बजाय मशीनरी से करवाया गया। नाका सिरोही के अंतर्गत फोरलेन टनल के पास खोबावीर बावसी के सामने खाई फेन्सिंग एवं खड्ढे मशीनरी से खुदवाये गये तथा वही पडे पत्थरो से सुखे चेकडेम का निर्माण कर पत्थरो का बिल प्रस्तुत किया गया।
पिण्डवाडा रेंज के अधिन नाका सामरधरा अधिन गडिया में मशीन से खाई फेन्सिंग खड्ढे व नाडी निर्माण का कार्य मशीन से करवाया गया तथा सुखी पत्थर की दीवार जो पुरानी थी उसी को संधारण कर नई बतायी गई तथा उपयोग में लिये गये पत्थर वे वही पडे हुए थे जो फोरलेन के थे। शिकायत में कहा गया है कि केम्पा, आरएफबीपी एवं अन्य योजनाओं में ज्यादातर काम मशीन से करवाये गये। उक्त कार्य करवाने से पूर्व निविदा निकाली जानी होती है
जिसे स्वीकृत उपरांत बीएसआर के आधार पर कार्य आदेश दिया जाना होता है। उक्त कार्य में बीएफएमसी के माध्यम से मजदूरो को रोजगार देना होता है। जबकि यहा पूरा कार्य ही मशीनरी से हुआ है, पिण्डवाडा रेंज व सिरोही रेंज में हुए खाई फेन्सिंग, खड्ढे व नाडियो के विकास कार्य जो मजदूरो की सहायता से करवाने थे वो मशीनरी से करवाये गये, साथ ही पत्थर दीवार को स्थानीय पडे पत्थरो से एवं पुरानी दीवार को ही मामूली संधारण कर नया बता दिया गया। लोढा ने वन विभाग द्वारा करवाये गये विकास कार्य में मजदूरो के नामो का सत्यापन करने का आग्रह किया कि उन्होने इन साइटो पर कार्य किया है या नही।