चौधरी को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित झूठे मुकदमे में फसाने की कोशिश : भाजपा
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
विधायक गरासिया के नेतृत्व में जिला पुलिस अधीक्षक को निष्पक्ष जांच की मांग का सौंपा ज्ञापन
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लुंबाराम चौधरी पर पिछले दिनों पीएमओ डॉ दर्शन ग्रोवर द्वारा किए गए मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए विधायक समाराम गरासिया के साथ भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और कहा कि कोरोना काल में कोरोना योद्धा की तरह काम करने वाले व्यक्ति को राजनीतिक द्वेष भावना से झूठे मुकदमें में फंसाने की कोशिश की जा रही है जिसकी निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाएं।
भाजपा के पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, पूर्व जिला महामंत्री एडवोकेट वीरेंद्रसिंह चौहान, नगर अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल, जिला उपाध्यक्ष छगनलाल घाची सहित प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार देर शाम जिला पुलिस अधीक्षक को मिलकर एक ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि कोरोना में आमजन के बीच जाकर उनके दुख दर्द को दूर करने के प्रयास करने में लगे हुए जनप्रिय नेता लुंबाराम चौधरी को मिथ्या व अनर्गल आरोप लगाकर बेवजह फसाया जा रहा है।
ज्ञापन में लिखा कि कांग्रेस सरकार की कमियां कहीं उजागर नहीं हो जाए इसलिए भाजपा नेताओं की आवाज को दबाने का यह प्रयास है, बताया गया कि चौधरी ने कहीं पर भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया है पीएमओ को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा की सिरोही में कोरोना लैब उद्घाटन मामले में सांसद देवजी पटेल एवं भाजपा विधायकों की अनदेखी मामले में सिरोही विधायक से सांसद की हुई कहासुनी के फलस्वरूप राजनीति से प्रेरित द्वेष भावना से यह मुकदमा फंसाने के लिए किया गया है। ज्ञापन में लिखा की अगर कोविड सेंटर की व्यवस्था सही थी तो सेंटर के पर मरीज धरने पर क्यों बैठे थे ? चौधरी के कोविड- सेंटर की जानकारी लेने के बाद 4 घंटे में ही उक्त मरीजों को सिरोही से शिवगंज क्यों शिफ्ट किया गया? और सबसे बड़ी बात चौधरी के कोविड सेंटर गेट पर जाने से कोरोना संक्रमण फैल सकता था तो उनको होम क्वॉरेंटाइन क्यों नहीं किया गया ? ज्ञापन में यह भी बताया गया कि पूर्व जिलाध्यक्ष ने चिकित्सा अधिकारी से कोरोना सुरक्षा संबंधी उपायों का प्रशिक्षण प्राप्त किया था और उसके बाद मांडवा, गोयली और अन्य स्थानों पर जिले में दौरे किए और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने में सहयोग किया।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि जिस सुथार समाज छात्रावास का जिक्र किया गया है वहां चौधरी ने कोविड नियमो पालना करते हुए मरीजों से पर्याप्त दूरी बनाकर बातचीत की है सेंट्रर प्रभारी से मौखिक अनुमति मिलने पर बाहर गेट पर खड़े रहकर सुरक्षा पहलुओं पर ध्यान देते सुरक्षाकर्मी, प्रभारी की मौजूदगी मे नियम संगत बातचीत की और बाद में सैनिटाइज भी हुए। ज्ञापन में बताया गया कि कोविड सेंटर जाने से पहले उन्होंने उपखंड अधिकारी एवं सीएमएचओ को फोन किया था जो फोन रिसीव नहीं हुआ और मरीजों के फोन बार-बार आ रहे थे और वे सेंटर में अव्यवस्थाओं को लेकर चिंतित थे सेंटर के मरीजों ने बताया कि डॉक्टर ने 5 दिनों से ना तो कोई चेकअप किया है ना कोई डॉक्टर उनकी सुध ले रहा है हम राम भरोसे रह रहे हैं हमें यहां जानवरों की तरह रखा हुआ है इस पर समाधान के मद्देनजर सकारात्मक दृष्टिकोण से ही चौधरी ने उक्त सेंटर जाना उचित समझा।
भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक सेआरोपो मे कहा कि पूर्ण रूप से यह कार्यवाही अन्याय पूर्ण है और कांग्रेस नेताओं के इशारे पर दुर्भावना से की जा रही है। कहा गया कि इस कार्रवाई से जिले की जनता, पार्टी के कार्यकर्ता नाराज एवं आक्रोशित है। सभी ने मामले को निरस्त करने को कहा। प्रतिनिधिमंडल के साथ पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक पुरोहित, पूर्व मंडल अध्यक्ष महिपालसिंह चारण, विधि प्रकोष्ठ संयोजक हरजीराम चौधरी, पिंडवाड़ा नगर पालिका पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र मेवाड़ा, भंवरलाल प्रजापत सहित अन्य पार्टी नेता साथ थे।