गोचर चारागाह भूमि के सरंक्षण का कार्य मिशन मोड़ पर,जिला कलेक्टर ने जारी किए आवश्यक निर्देश
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही. प्रायः यह देखा गया है कि गोचर/चारागाह भूमि पर दिन प्रतिदिन अतिक्रमण की शिकायते बढती जा रही है। चारागाह/गोचर भूमियों की संरक्षक ग्राम पंचायतें होती है एवं चारागाह व गोचर विकास एवं संरक्षण ग्राम पंचायत का दायित्व होता है तथा उक्त कार्य महात्मा गांधी नरेगा के तहत अनुमत है। अतः सिरोही जिले में जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने इस कार्य को मिशन मोड के रूप में लिया एवं अभिनव पहल करते हुये सिरोही जिले के समस्त राजस्व ग्रामों की राजस्व रिकार्ड में दर्ज गोचर व चारागाह भूमियों के अतिक्रमण मुक्त करने एवं भविष्य में होने वाले अतिक्रमण से बचाने एवं संरक्षण सम्बन्धित तथा विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई।
सिरोही जिले की ऐसी समस्त भूमियों को सूचीबद्ध करवाया गया और यह कार्य चूंकि महात्मा गांधी नरेगा में अनुमत होने के कारण उन समस्त सूचियों को विकास अधिकारी को भिजवाकर स्वीकृति हेतु उन भूमि को सर्वे, सीमांकन करने हेतु राजस्व विभाग के पटवारियों को निर्देशित किया गया।
तत्पश्चात उनके कार्यो की स्वीकृतियों के प्रस्ताव तैयार करने हेतु निर्देश जारी किये गये।
सिरोही जिले की चारागाह एवं गोचर भूमियां संरक्षण सम्बन्धित एवं भविष्य के अतिक्रमण से बचाने के लिए इस कार्य को अभिनव पहल के तहत मिशन मोड के तहत एक सम्पूर्ण प्रोजेक्ट के रूप में तैयार कराया जा रहा है।
जिसके तहत एक ही ग्राम में स्थित ऐसी समस्त भूमियों के खसरों को एक साथ लगाते हुये समस्त खसरों के चारों तरफ आम संरक्षण एवं भविष्य के अतिक्रमण से बचाने के लिए डी.सी.बी (मेडबन्दी कार्य) स्वीकृत किये जा रहे है। जिले में कुल 587 कार्य स्वीकृत किये गये । चारागाह विकास के लिए स्थानीय आवश्यकता जलवायु को ध्यान में रखते हुये वृक्षारोपण, फलदार पेड-पौधे, इमारती लकडी, छायादार पेड को लगाने के कार्य हाथ में लिये गये। ताकि उनके संरक्षण एवं विकास के साथ स्थानीय पशुओं को चारागाह उपलब्ध हो सके। ग्राम पंचायत की निजि आय में बढोत्तरी, स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।
इन कार्यो को प्रोजेक्ट के रूप में लिया जाकर सम्पूर्ण रूप से विकसित किया जा रहा है। क्योकि प्रोजेक्ट में पेड पौधे लगाना, तिराई गुडाई करना, पानी पिलाने का कार्य, चैकीदारी का कार्य शामिल किया गया है।
जिला कलेक्टर की सोच एवं दर्शन को फलीभूत करते हुए 587 कार्य स्वीकृत किये गये जिनमें से 187 कार्य पूर्ण हो चुके है।