गहलोत सरकार ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचलने के कुत्सित प्रयास, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण - पुरोहित
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सरपंच ग्रामीण विकास कार्यो के लिए पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो जाएंगे - जिलाध्यक्ष पुरोहित
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही | राज्य की गहलोत सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पी.डी. खाते खोलने एवं एस.एफ.सी. के अंतर्गत बजट आवंटित नहीं किये जाने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में एवम सरपंचों द्वारा प्रदेशभर में पंचायत मुख्यालयों पर तालाबंदी को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने कहा कि सरपंचों की मांग जायज है क्योंकि इससे पहले पारदर्शी तरीके से पंचायतों के खाते में सीधा पैसा आता था और वो विकास के कामों में लेते थे। इस सरकार ने एक किस्म से एक तुगलकी फरमान जारी किया और पी.डी. जो पब्लिक डिस्ट्रीब्यूटर अकाउन्ट है उसके जरिये फिर उनको अपने प्रस्ताव देने पड़ेंगे और उसके बाद फिर उसका भुगतान होगा। यानि एक किस्म से सरकार की मंशा सरपंचों पर एक तरीके का अनैतिक अंकुश लगाने की है।
जिलाध्यक्ष पुरोहित ने बताया कि गहलोत सरकार ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचलने के कुत्सित प्रयास, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार है, जब राज्य सरकार के हठधर्मी रवैये के कारण तालाबंदी की नोबत आई है। सरपंच ग्रामीण विकास कार्यो के लिए पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो जाएंगे।
पुरोहित ने कहा कि राज्य सरकार सरपंचों को भ्रमित कर पी.डी. खाता खोलने का भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन प्रदेश में सरपंच सरकार के इस कुठारघाती निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे पी.डी. खाता खोलने का निर्णय सरकार का ग्राम पंचायतों के स्वतंत्र वित्तीय संवैधानिक अधिकारों पर करारा हमला है
पुरोहित ने कहा कि सरकार ग्रामीणों के हक के विकास के पैसो को अवरुद्ध कर रही है सरकार ने विगत 2 वर्षों से राज्य वित्त आयोग का एक भी रुपया ग्राम पंचायतों को जारी नहीं किया है एवं केंद्र सरकार द्वारा जारी पैसे का भी अपने निजी कामों के लिए उपयोग करना चाहती है
पुरोहित ने बताया कि जनहित में और ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सरकार को ये बेतुकाह फ़रमान वापस लेना चाहिए।