जादूगर सीएम अशोक गहलोत के सामने निस्तेज है कांग्रेस आलाकमान, अजय माकन भी सीएम को मनाने में रहे नाकाम
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
निर्दलीय विधायक संयम लोढा, राष्ट्रीय महासचिब, प्रदेशाध्यक्ष कोंग्रेस संग पहुचे स्पीकर सीपी जोशी के पास।
बजट सत्र में विपक्ष को मात ही नही देंगे संयम, जिला कोंग्रेस में फूकेंगे जान, जिलाध्यक्ष कोंग्रेस, व नियुक्तियों में चलेगी लोढा की महारत
सिरोही/जयपुर गत माह हुई सीवीसी की बैठक में अपने उग्र तेवर दिखाने के बाद आल टाइम हिट कोंग्रेस के दिग्गज राष्ट्रीय नेता और सीएम राजस्थान अशोक गहलोत की उग्र तकरीरों के आगे हाईकमान कोंग्रेस के आगे दिग्गज कोन्ग्रेसी धराशाई हुए और कोंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी के समक्ष गहलोत ने सीवीसी में अपनी बात रखी।ओर चुनावो पे सवाल उठाए पर मंगलवार को राजस्थान दौरे पे आये राष्ट्रीय महासचिब अजय माकन भी अशोक गहलोत की जादूगरी में ऐसे घिरे की खुद के द्वारा सार्वजनिक रूप से 31 जनवरी तक राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा करने को लेकर दिए गए बयान और सचिन पायलट के एलान की 31 जनवरी तक मन्त्री मण्डल का विस्तार होगा के आश्वासन की दुहाई भी धरी रह गई। देश के अव्वल राजनीतिक जादूगर ओर सोनिया दरबार के महारथी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने को तैयार नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार और सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां कराने को लेकर कांग्रेस आलाकमान भी गहलोत के सामने असहाय हो गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के लगातार दबाव के बावजूद गहलोत फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां नहीं करना चाहते हैं।
माकन ने दो माह पहले ही 31 जनवरी तक सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा करने की बात कही थी। इस बाबत उन्होंने सीएम गहलोत को भी आलाकमान की मंशा बता दी थी। आलाकमान ने बगावत के बाद वापसी करने वाले सचिन पायलट खेमे के दो से तीन विधायकों को मंत्री बनाने का संदेश गहलोत तक पहुंचाया, लेकिन उन्होंने फिलहाल ऐसा करने से इनकार कर दिया।
गहलोत ने तर्क दिया कि 10 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है और फिर उसके बाद चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने से नुकसान हो सकता है। गहलोत के आलाकमान की मंशा को पूरा नहीं करते देख मंगलवार रात माकन जयपुर आए और करीब तीन घंटे तक उन्होंने सीएम से अकेले में बात की।
बुधवार को फिर दोनों में बात हुई, लेकिन गहलोत अपनी बात पर अड़े रहे। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान माकन ने गहलोत को खुद के द्वारा सार्वजनिक रूप से 31 जनवरी तक राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा करने को लेकर दिए गए बयान और पायलट को दिए गए आश्वासन की दुहाई भी दी, लेकिन सीएम नहीं माने। गहलोत के नहीं मानते देख माकन पायलट से मिलने पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार, इस दौरान पायलट ने माकन को साफ कह दिया कि वे अब ज्यादा दिन तक संयम नहीं रख सकते। आलाकमान ने उन्हे दो से तीन माह में उनके समर्थकों को सत्ता में भागीदारी देने का वादा किया था। पायलट ने माकन को यह भी कहा बताया कि अब वे ज्यादा दिन तक अपने खेमे के विधायकों व नेताओं को संयम रखने के लिए नहीं कह सकते। पायलट ने माकन को भी उनके द्वारा किया गया वादा याद दिलाया, लेकिन इस दौरान माकन पूरी तरह से असहाय नजर आए। उधर, सीएम की मंशा को देखते हुए माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में मंत्रिमंडल विस्तार या बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो सकती। 15 मार्च तक बजट सत्र चलेगा।
हालांकि संभाग, जिला व ब्लॉक स्तर पर नियुक्तियों जरूर होगी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि 15 से 20 फरवरी के बीच ये नियुक्तियां हो जाए। उधर सीएम गहलोत के पूर्व शिष्य ओर राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी निर्दलीय विधायक संयम लोढा पूर्व डिप्टी सीएम पायलट की बगावत के बाद गहलोत सरकार के लिए संकट मोचक बन के उभरे है और कोंग्रेस आला कमान की नजर में भी चढ़े है।इस बात में कोई संदेह नही की सिरोही जिले में कोंग्रेस का वजूद विधायक संयम लोढा की वजह से है बाकी यहाँ संगठन कोंग्रेस नाम लेवा ओर लेटर पेड़ी है।और कोंग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा,सीएम गहलोत,ओर कोंग्रेस आलाकमान तक विधायक संयम लोढा अपने विवेक की प्रचंड ताकत का लोहा मनवा चुके हैं जिस का परिणाम उन्होंने जिले की कोंग्रेस राजनीति को दिखाया और अनेक दिग्गज संयम विरोधी दरकिनार हुए और प्रदेश प्रतिनिधि निम्बाराम गरासिया मनोनीत हुए।और भविष्य में होने वाली तमाम राजनीतिक और गैर राजनीतिक नियुक्तियों में एसोसियेटेड विधायक संयम लोढा की दाल को ही तड़का लगेगा इसका अहसास जिले के संयम विरोधियो को भी हो चुका है।
गत दिनों कोंग्रेस की घटक नियुक्तियों में राजेन्द्र सिंह जाखोड़ा-युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष-सिरोही, प्रमोद प्रजापत- प्रदेश सह-समन्वयक-सोशल मीडिया युवा कांग्रेस-राजस्थान, सुखदेव सिंह-विधानसभा कॉर्डिनेटर सोशल मीडिया-सिरोही-शिवगंज व सभी ब्लॉक में संयम संमर्थक मनोनीत हो रहे है।
अति शीघ्र नियुक्त होने वाले सिरोही कोंग्रेस जिलाध्यक्ष के मनोनयन में जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य की दूसरी पारी होना असंभव है तथा अपनी दावेदारी में आबूरोड से दिग्गज नेता हरीश चौधरी,पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा, युवा नेता हरीश परिहार,कुलदीप सिंह पालड़ी जातिगत समीकरण की जोड़ तोड़ में एड़ी चोटी का जोर लगाए पर जो भी कोंग्रेस जिलाध्यक्ष बनेगा वो विधायक संयम लोढा की मर्जी से बनेगा जिसमे पूर्व प्रधान नीतिराज सिंह,मोह्हबत नगर से राजपूत,हरीश राठौड़,एससी,राकेश रावल पिंडवाड़ा,किशोर पुरोहित,युवा पुनीत अग्रवाल जावाल भी प्रबल दावेदार बन के उभरे है जिन पे चर्चा हो कर कोंग्रेस जिलाध्यक्ष सिरोही की ताज पोषी हो सकती है। ओर इन दावेदारों में जिला प्रमुख भी संयम वरद हस्त से बन सकता है।
सीएम अशोक गहलोत ओर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के राजनीतिक द्वंद में विधायक लोढा के सुर पायलट के खिलाफ बगावत की वजह से जहरीले रहे है और उनके तेवरो की जानकारी गाहे बगाहे मीडिया,सोसल मीडिया के जरिये हाईकमान,सीएम राजस्थान,ओर प्रदेषशाध्यक्ष तक भी पहुचती रही है
सूत्रों के हवाले खबर है कि लोढा ने अपनी बात प्रदेश कोंग्रेस ओर सीएम तक पहुचा दी हैं कि सिरोही जिला प्रमुख,व पांचो पंचायत समिति में कोंग्रेस का परचम लहराना है तो उन्हें फ्री हेंड देना होगा और विधायक लोढा की राजनीतिक दक्षता को समझ कोंग्रेस प्रदेश के पास कोई विकल्प नही है।
ऐसी हालात में प्रदेश में आलाकमान के निर्देशों पे आये राष्ट्रीय महासचिब ने मीडिया के समक्ष मन्त्री परिषद के विस्तार ओर संगठनात्मक व राजनीतिक नियुक्तियों में अपना पक्ष रखा व अटकलों पे लगी विराम में लोढा ने अपना पक्ष माकन के सामने मजबूत कर लिया है।
माकन के समक्ष गहलोत के विश्वस्त मंत्रियों, विधायकों व पार्टी नेताओं ने साफ कहा कि वर्तमान हालात में सीएम को ही निर्णय करने के लिए स्वतंत्र छोड़ा जाना चाहिए। इसके बाद माकन ने मुख्यमंत्री निवास पर चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर प्रभारी बनाए गए मंत्रियों के साथ बैठक की।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पदाधिकारियों की बैठक में जिला स्तर पर होने वाले नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने पदाधिकारियों को नौ जनवरी के बाद जिलों में जाकर फीडबैक लेने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने मंत्रियों व पदाधिकारियों को उप चुनाव को लेकर टास्क दिया।