रेस्क्यू ऊंटो के संरक्षण के लिए भूखण्ड़ की स्वीकृति जारी हुई
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
गोवंश सरंक्षण, नन्दी गौशाला अधरझूल में।
देश का प्रथम रेस्क्यू ऊंटो का शेल्टर पीएफए सिरोही द्वारा होगा संचालित
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही | राजस्थान में पीपल फ़ॉर एनिमल संस्था पशुपालको के पशुओं की सेवा सुश्रुषा, उनकी चिकित्सा, क्रूरता के शिकार भटकते गोवंश व अन्य जीवों को आश्रय देकर उनकी चिकित्सा सुविधा आश्रय का कार्य लम्बे अरसे से कर रही है पर न तो जिला प्रशाशन 5 हजार बीघा की भूमि होते हुए भी अर्बुदा गोशाला में गोवंश का सरंक्षण कर सका न नन्दी गोशाला खोल सका न पीपल फ़ॉर एनिमल संस्था भी गोवंश सरंक्षण व पॉलीथिन बेग खा कर बेमौत मर रहे गोवंश व क्रूरता के शिकार नन्दियो की सुरक्षा में रास्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मेनका गांधी के संज्ञान में ला कार्रवाई कर सका पर देश भर से वध से बचाये गये रेस्क्यू ऊंटो को पीएफए सिरोही के नेतृत्व में सेवाये दे कर सरंक्षण को देखते हुए वर्ष 2014 से रेस्क्यू ऊंट शेल्टर निर्माण के लिए जिला प्रशासन से भूखण्ड़ आवंटन को देखते हुए जिला प्रशाशन ने पीएफए को रेस्क्यू ऊंट शेल्टर के लिए 5 बीघा भूमि आवंटित की।
पीएफए के सचिव अमित सिंह देवल ने बताया कि जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऊंट शेल्टर के लिए 5 बीघा भूखण्ड़ रियायती दर 17 लाख 34 हजार 900 रूपये राजस्व मद में जमा करने के पश्चात् यह भूखण्ड़ आवंटन के आदेश जारी करेगा। उक्त राशि एक *महिने के भीतर जिला प्रशासन राजस्व शाखा में जमा करने के निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिये गये है। इसी के संदर्भ में पिछले कई वर्षो से पीएफए किराये के भूखण्ड़ पर ऊंटो का संरक्षण करवा रहा था जो कि बहुत ही महंगा पड़ रहा था।
इसी क्रम में भामाशाहो, दानदाताओं, जैन समाज के अग्रणी व्यवस्थापको से आग्रह किया जा रहा हैं कि उक्त भूखण्ड़ प्राप्त करने के लिए यथा संभव हमारी योजना में शामिल होकर भूखण्ड़ पर ग्रेनाईट के पत्थर मुख्य द्वार पर आजीवन भू दान एवं अन्य योजनाओं में लाभार्थी बनकर वध से बचाये ऊंटो के संरक्षण के लिए सहभागी बने। जिसकी योजना में
एक बीघा भूखण्ड का नकरा राशि - 3 लाख 51 हजार, एक ऊंट का पालन पोषण प्रतिमाह का नकरा राशि - 12 सौ रूपये एवं प्रतिवर्ष का नकरा - 14400 रूपये, एक ट्रोली लगभग 15 क्विंटल सुखा चारा का नकरा - 9000 रूपये, एक ट्रोली हरा चारा लगभग 15 क्विंटल का नकरा - 4500 रूपये इस कार्य मे सहयोग के लिए मुकर्रर किया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान का राज्य पशु तस्करी हो कर देश के अन्य राज्यो व मुख्यतः पश्चिम बंगाल व नेपाल की सीमाओं से तस्करी व कत्लगाहों में जाता है और रेस्क्यू हो कर उसको आश्रय देने में पीएफए के सचिव अमित सिंह देवल सराहनीय सेवाएं देते है। पर जन सहयोग नही मिलने से पीएफए गोवंश सरंक्षण व नन्दी आश्रय तथा नन्दियो के साथ हो रही क्रूरता को बचाने में असहाय नजर आता है हर माह नन्दियो पे कुल्हाड़ी से वार न जिले भर में घायल अवस्था मे नन्दियो के घूमने के समाचार आते है और उन्हें घायल करने वालो पे जिला पशु क्रूरता निवारण समिति भी पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज नही करवाती।ओर अर्बुदा गॉशाला होते हुए भी जिला प्रशाशन ओर जन प्रतिनिधियों की बेरुखी के खिलाफ आम जन में गहरा आक्रोश है।