सिरोही जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित को चुनोती दे रही बीजेपी बी टीम
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
गत विधानसभा चुनावों के परिणामो की टीस से उबार रहे भाजपा जिलाध्यक्ष।
रिपोर्ट हरीश दवे
वही पद से मरहूम नेताओ का दुख झलका, वायरल पत्र के बाद सोशल मीडिया में गहमा रही भाजपा की राजनीति।
अब महिला मोर्चा व मीडिया व आईटी सोसल सेल में नियुक्तियां बाकी।
सिरोही आगामी विधानसभा चुनावों व होने वाले पंचायती राज चुनावो से पहले दो दशकों से चल रही भाजपा जिला संगठन की गुट बाजी में मौजूदा भाजपा जिला संगठन को चुनोती देने भाजपा का एक खेमा अनेक खेमो के साथ लामबंद हो कर उठापठक करता है या नही यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन 14 को हुए भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गोपाल माली की कमान में जिला मुख्यालय के धरना प्रदर्शन व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं,पूर्व जिलाध्यक्ष व जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित की अनुपस्तिथि में स्नेह मिलन कार्यशाला में भाजपाइयों की मौजूदगी ओर तेवर तथा सोसल मीडिया व भाजपा के ग्रुपो में रहे "वायरल पत्र' जो संगठन महामंत्री चंद्रशेखर जी को लिखा गया है के वायरल होने के बाद भाजपाइयों में धमा चौकड़ी मची है।
सिरोही जिले में भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष ताराजी भण्डारी ही अपने साथ वाले पुराने भाजपाइयों के साथ संगठन में अभी भी क्रियाशील है उनके साथ के जमाने वाले पूर्व जिला महामंत्री हंसराज पुरोहित,बसंत भाटी आदि सेवा निवृत्ति के बाद गत दशक में भाजपा में आई ओबीसीवाद कि लहर में अनेक भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता दरकिनार किये गए।और संगठन व सत्ता में जालोर सिरोही की लोक सभा ओर सिरोही सामान्य सीट पर भी सांसद ओबीसी वर्ग से ही जुटे व संगठन के जिला पदों व प्रकोष्ठों में भी बाहरी जिलों से ताजपोशी हुई और लोकल कार्यकर्ताओ की उपेक्षा हुई।लेकिन भाजपा नेत्री तारा भण्डारी के विधायक काल से मुकेश मोदी की मिल रही चुनोती में भाजपा में दो संगठन चले।इस दरम्यान पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश दवे ओर नारायण पुरोहित ने संगठन को निर्विवाद रूप से संभाला और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद परसरामपुरिया के समय भाजपा संगठन में ऐसी तेजी आई कि संगठन मजबूत हुआ पर भाजपा की गुट बाजी में जिला प्रमुख के चुनावों में स्वर्गीय परसरामपुरिया ने मात खाई।ओर गुटबाजी में विभक्त भाजपा की जनरल सीट पे विनोद जी व अनेक भाजपाइयों का टिकट कर भाजपा की राजनीति में पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी धुव्र तारा बन के उभरे ओर सांसद देवजी पटेल की चौधराहट में भाजपा में ओबीसी वर्ग की राजनीति फली फूली पर अनेक ब्राम्हण जातियों के लोकल नेताओ को संगठन में अवसर नही मिले।
भाजपा के हुक्मरान जिले के संगठन और सत्ता में भितरघात का खेल खेलते रहे जिसका परिणाम गत विधानसभा चुनावों में भाजपा और भोपाजी ने भुक्ता।विधायक सन्यम लोढा की निर्दलीय जीत अप्रत्याशित नही थी यह भाजपा की गत 10 साल में पनपी राजनीति के खिलाफ जनादेश था।और इसकी गाज जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी पर गिरी ओर भाजपा संगठन ने डेमेज कंट्रोल के लिए पुर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित को लगाया जो स्वभाव से सौम्य व हर कार्यकर्ता से मिलन सार रवैये के चलते अपनी साख बरकरार करते हुए संगठन का नेतृत्व कर रहे है।और कोरोना काल मे 18 मंडलो में प्रद्देश संगठन की योजनाओ को मूर्त रूप दे रहे है।और अनेक मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्ष की भी घोषणा हो चुकी है और प्रदेश द्वारा मोर्चा प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष के मनोनयन में जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने न खुद की चलाई न जातिवाद का सहारा लिया।
किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद गनपत सिंह राठौड़ ने दुबारा बाजी मारी तो एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष भवर मेघवाल की कमान में मजबूत होगा इसमे किसी को संदेह नही भाजपा के महिला मोर्चा के जिलाध्यक्ष की अब तक घोषणा नही हुई जिनके प्रबल दावेदार दर्शना देसाई ओर दुर्गेश शर्मा है।पर भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष गोपाल माली के जिलाध्यक्ष भाजयुमो बनने के बाद जैसे भाजपा की राजनीति में तूफान आ गया है।क्यो की इस पद के दावेदार योगेश दवे भी थे अभाविप से निकले योगेश दवे ओर गोपाल माली में भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोपाल माली बाजीगर निकले और प्रदेश संगठन और जिले के ओबीसी नेताओ व जन प्रतिनिधियों की निकटता के बूते उन्होंने जिलाध्यक्ष पद हासिल किया।लेकिन इस समय पद मिलने से वंचित जनो व अनेक भाजपाइयों ने भाजपा के मूल संगठन को चुनोती देने का मादद्दा पाल लिया है।
गत 14 जुलाई को भाजपा के दो आयोजन हुए एक भाजयुमो का धरना प्रदर्शन
जिसमे पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित ने संगठन में अपनी वाक शक्ति का परिचय दिया और उसी शाम भाजपा के प्रद्देश नेता लुम्बाराम चौधरी,पूर्व मंत्री भोपाजी,विधायक जगसीराम कोली,पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, किसान मोर्चा के गनपत सिंह समेत अनेक भाजपा के पदाधिकारी व जन प्रतिनिधियों ने स्नेह मिलन में शिरकत की।
जहाँ एक प्रशिक्षण शिविर भी हुआ जिसमें भाजपा नेताओं ने अपने गुर सिखाए इस आयोजन में भाजपा के सभी दिग्गज मौजूद थे पर भाजपा जिलाध्यक्ष नही दिखे।उसके बाद वायरल हुई पत्र जिसमे किसी के हस्ताक्षर तो नही है।पर अनेक भाजपाई कहते है कि हस्ताक्षर वाला पन्ना प्रद्देश संगठन मंत्री को भेजा गया वो वायरल नही किया गया।इस बाबत भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।भाजपा मंडल अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिला व मण्डल संगठन व सभी प्रकोष्ठ प्रदेश के निर्देशानुसार जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित की कमान में एकजुटता से कार्य कर रहे है नगर में किसी तरह की अनुशाशन हीनता बर्दास्त नही की जाएगी।पर यह तय है कि सांसद, पूर्व मंत्री,पूर्व जिलाध्यक्षों व जिला प्रमुख के खेमो में बटे भाजपा संगठन को एक जुट रखने में जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित की लांख कोशिशों के बावजूद भविष्य में भाजपा की राजनीति की चौसर भितरघात व गुटबाजी के रूप में बिछने लगी है।