By Sirohiwale
सिरोही, 1 जून। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को राष्ट्रवाद का महानायक बताते हुए कहा है कि वह स्वाधीनता संघर्ष के ऐसे महान योद्धा थे जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया था। राज-पाट का वैभव त्याग उन्होंने अरावली की घाटियों और दुर्गम वनों में रहना स्वीकार किया था।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने महाराणा प्रताप जयंती (2 जून) (Maharana Pratap Jayanti) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी का उनका संघर्ष मामूली नहीं था। यह एक ऐसे राणा का संघर्ष था जिसने आदिवासी और वनवासी भीलों के साथ रहते, उन्हीं की तरह जीवन जीते मुगलों से हर मोर्चे पर युद्ध ही नहीं लड़े बल्कि उन्हें बार-बार परास्त भी किया।
राज्यपाल ने वीर शिरोमणि प्रताप जैसे इतिहास निर्माता के आदर्शों से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि मातृभूमि मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए किया उनका संघर्ष साम्राज्यवाद और स्वाधीनता का वह संवैधानिक आधार लिए था, जिसमें राष्ट्र प्रेम और स्वाभिमान को गहरे से अनुभूत किया जा सकता है। उन्होंने प्रताप की वीर गाथाओं से प्रेरणा लेते हुए उनके देशप्रेम के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।