विधायक संयम लोढा ने कहा, लंपी स्किन डिजीज को लेकर सरकार गंभीर, उपचार में नही हो कौताही
खास खबरBy Sirohiwale
- नगर पालिका प्रशासन की ओर से गोशाला में खोला गया आईसोलेशन सेंटर,
- विधायक ने अधिकारियों को दिए ग्राम पंचायत स्तर पर आईसोलेशन सेंटर खोलने के निर्देश
शिवगंज। मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा (CM Advisor MLA Sanyam Lodha) ने कहा कि राज्य सरकार गोवंश में फैली लंपी स्कीन डिजीज को लेकर काफी गंभीर है। सरकार ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को लंपी स्कीन डिजीज (Lumpy Skin Disease) को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने तथा इस बीमारी से जुझ रहे गोवंश के लिए आईसोलेशन सेंटर खोलने के निर्देश दिए है।
विधायक लोढ़ा शनिवार को गोशाला में नगर पालिका प्रशासन की ओर से गोवंश के लिए आईसोलेशन सेटर खोलने के बाद मौजूद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से संवाद कर रहे थे। इस मौके पर विधायक ने उपखंड अधिकारी एवं विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत स्तर पर भी आईसोलेशन सेंटर प्रारंभ कर वहां पशुपालन विभाग के सहयोग से गोवंश का उपचार करने के निर्देश दिए है। इस मौके पर विधायक लोढ़ा ने वहां मौजूद पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश बरबड सहित अन्य अधिकारियों से क्षेत्र में फैल रही लंपी स्कीन डिजीज की रोकथाम के लिए विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने विधायक को अवगत करवाया कि सर्वप्रथम 21 जुलाई को तहसील क्षेत्र के खेजडिया सहित सूरजपुरा तथा आसपास के गांवों में गोवंश में फैली इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलने पर तत्काल ही पांच सदस्यों के एक दल को इन गांवों में भेजा जाकर बीमार पशुओं का आईसोलेशन कर उनका उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए पशुचिकित्सा संस्थाओं के एसवीओ तथा वीओ के नेतृत्व में 29 दलों का गठन किया जाकर घर घर सर्वे करवाया गया और इस बीमारी से पीडित पशुओं को आईसोलेशन कर उनका उपचार प्रारंभ किया गया। उन्होंने विधायक को बताया कि जिला औषधी भंडार से सभी पशु चिकित्सा संस्थानों को औषधियों की मांग के संबंध में लिखित रूप से नोडल अधिकारी के मार्फत भिजवाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा विभाग की ओर से प्रतिदिन गोशालाओं में भ्रमण कर गोवंश की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है तथा गोशालाओं के प्रबंधकों को गोवंश के बाडो को सैनेटाईजेशन करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि पशुपालकों को इस बीमारी तथा इसकी रोकथाम व उपचार के लिए जानकारी देने के लिए पेम्पलेट का वितरण करवाने के अलावा सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षण कार्य के लिए निदेशालय की ओर से जारी बजट के प्रावधान के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में पशु चिकित्सा टीमों को औषधियां वितरण एवं उनके आवागमन की सुविधा के लिए नोडल क्षेत्र आबूरोड़, पिंडवाडा, रेवदर, सिरोही, शिवगंज के लिए 2 वाहन किराए पर लिए गए है।
अब तक 36 पशुओं की हुई है मौत
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने विधायक को बताया कि सर्वे के दौरान विभाग की ओर से अब तक 5230 पशुओं का चिन्हिकरण किया गया। जिसमें से 1 हजार 444 पशु इस बीमारी से ग्रसित पाए गए है। इनमें से 864 पशु उपचाराधीन है तथा 349 पशु उपचार के बाद ठीक हो गए है। जबकि इस बीमारी से 36 पशुओं की अब तक मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से 1 हजार 379 पशुओं को आईसोलेट किया गया है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर हो आईसोलेशन सेंटर
इस मौके पर विधायक लोढ़ा ने उपखंड अधिकारी भागीरथराम चैधरी, विकास अधिकारी श्यामसुंदरसिंह सहित अन्य अधिकारियों को प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर इस बीमारी की रोकथाम के लिए आईसोलेशन सेंटर प्रारंभ करने तथा बीमार पशुओं के उपचार में किसी प्रकार की कौताही नहीं बरतने के निर्देश दिए। इस दौरान पालिकाध्यक्ष वजींगराम घांची, तहसीलदार नीरजा कुमारी, अधिशासी अधिकारी नीलकमलसिंह राणावत, डॉ एस एल नौगिया, पार्षद किस्तुर घांची, समाजसेवी गोविन्द सुथार आदि मौजूद थे।