शिक्षकों की मांगो को मुख्यमंत्री को भेजने का निर्णय - गहलोत
शिक्षाBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
शिवगंजः-राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के जिला स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन के खुला अधिवेशन में प्राप्त प्रस्तावां को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के सभागार में रविवार को मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत के सानिध्य में शिक्षकों की सेवारत समस्याओं एवं वेतन विसंगतियों के प्रस्तावों को संगठन के पदाधिकारियों द्वारा अन्तिम रूप देकर राज्य के मुख्यमंत्रीं अशोक गहलोत को भेजने का निर्णय हुआ।
संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया हैं कि जिला शैक्षिक अधिवेशन में निम्नलिखित प्रस्तावों को राज्य सरकार को भेजने का निर्णय हुआ जिसमें व्याख्याता की रिव्यू रिविजन के तहत पदोन्नति प्राप्त व्याख्याताओं को पदोन्नति तिथि से समस्त परिलाभ देने, द्वितीय श्रेणी सामाजिक विज्ञान एवं कॉमर्श (सामान्य) के पदों की नियमित डीपीसी करवाने, मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक के पद को विषय आधार पर भरने की व्यास्था को समाप्त करवाने, के सेकण्ड ग्रेड से व्याख्याता पर पर पदोन्नत हुये सेवारत 9-18-27 वर्ष पर चयनित वेतन मान देने, राज्य में उच्च माध्यमिक विधालय के व्याख्याता एवं प्रधानाध्यापक की ग्रेड पे एक समान 5400 करने, एकीकरण के नाम बंद किये गये राजकीय उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विधालयों को पुनः खोलने, अध्यापक पद पर समायोजित प्रयोगशाला सहायक 27 वर्षिय एसीपी पर 5400 ग्रेड पे (पे लेवल-13) दिलवाने, एकीकरण के दौरान बन्द 3500 विद्यालयों को पुनः खोलने के प्रस्ताव को तत्काल पारित करवाने, 6डी के तहत सैट अप परिवर्तन से राज्य के हजारों शिक्षक उच्च न्यायालय की शरण में जाने वाले समस्त शिक्षकों को मुल पदस्थापन स्थान पर पदस्थापित करवाने, 2007, 2008 व 2009 में आरपीएससी से चयनित शिक्षकों व प्रबोधकों को 2012 में चयनित शिक्षकों के समान प्रारम्भिक वेतन 12900 दिलवाने, व्याख्याताओं और प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का अनुपात 60 : 40 के स्थान पर 90 : 10 का अनुपात निर्धारित करने, राज्य की शिक्षा के निजीकरण के पूर्व सरकार के प्रस्तावित आदेशों को निरस्त करवाने, प्रारम्भिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा को पृथक रखकर मजबुती प्रदान करवाने, सरकारी विधालयों के युनीफार्म के भगवाकरण को सत्र 2020-21 में बदलवाने, निजी शिक्षण संस्थानों को विधायक फंड से दिये जाने वाले अनुदान को बन्द करने, शारीरिक शिक्षक के नियुक्ति के छात्र नामांकन को प्रावधान हटा कर प्रत्येक मिडिल स्कूल में शा.शि. की नियुक्ति करवाने, शिक्षकों के 6डी के तहत सैट अप परिवर्तन शिक्षको से विकल्प पत्र/सहमति पत्र के आधार पर करवाने,
आरपीएससी द्वारा 2006 में नियुक्त एसटीसी एवं बी एड योग्यताधारी शिक्षको के वेतन में 1700 प्रतिमाह के अन्तर को हटाकर एकरूपता बनाने, वेतन हेतु एकमुश्त वार्षिक वेतन बजट जारी करवाने, राजकीय विद्यालय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/ माध्यमिक/उच्च माध्यमिक में नामांकन में जबरदस्त वृद्धि को देखते हुए छात्र अनुपात के आधार पर शिक्षकों के नये पद सृजित करवाने, राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान सातवें वेतन आयोग के समस्त परिलाभ 1 जनवरी 2016 से दिलवाने, सामन्त कमेटी की लाभकारी सिफारिशें लागु करवाने, मिड-डे-मिल की व्यवस्था को सुधारने, मिड-डे-मिल चलाने हेतु एनजीओ से प्रार्थना पत्र के आधार आवंटित करवाने, सन् 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों को एनपीएस की जगह ओपीएस लागु करवाने,
80 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदों के शहरी क्षेत्र में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पद भरवाने, राज्य भर के उच्च प्राथमिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 95 प्रतिशत से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों को भरवाने, राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के नाम के आगे ’’आदर्श’’ शब्द को हटाने, महात्मा गांधी इंगलिश मिडियम स्कूलों में ड्रेस कोड का निर्धारण करने, प्राथमिक कक्षाओं (1-5 तक) में लागु एसआईक्युई को हटाकर पुरानी प्रथम/द्वितीय/तृतीय परख, अर्द्ध वार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा व्यवस्था को लागु करवाने, प्रबोधक, शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष को पदोन्नति के अवसर दिलवाने, तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में सामाजिक विज्ञान विषय में पदोन्नति दिलवाने, पीईईओ स्कूल में कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिक की नियुक्ति करवाने, पीईईओ विद्यालय की शासकीय व्यवस्था सुधारने के लिए माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के समकक्ष उप प्रधानाचार्य का पद सृजित करवाने, राजकीय विद्यालय में कम्प्युटर को चलाने के लिए तकनिकी शिक्षा की डिग्री प्राप्त शिक्षक लगाने, खेलकूद को बढावा देने के लिए प्रत्येक संभाग स्तर पर एक खेल विद्यालय की स्थापना करने, पोषाहार में प्रभारियों को प्रतिवर्ष बदलने, पोषाहार में दूध की व्यवस्था बन्द करने, एसटीसी या बीएड के प्रशिक्षण के दौरान कम्प्युटर विषय का अध्यापन करवाने, कक्षा 12 के बाद उसी विद्यालय सें एसटीसी तथा कॉलेज में वहीं से बीएड का प्रावधान करवाने, सैकण्डरी स्कूल प्रधानाध्यापक की सीधी भर्ती में चयनितों को 6 माह प्रशिक्षण दिलवाने, शिक्षा विभाग को भी ’’राईट टू वर्क’’ से जुडवाने,
बालिका माध्यमिक/बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापित 45 वर्ष से कम उम्र के पुरूष शिक्षकों को हटाने, विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मुल निवास, जाति प्रमाण पत्र देने के अधिकार प्रधानाचार्य को देने, अप्रशिक्षित पैराटीचर्स के मानदेय 6500 से बढाकर दुगुना करने, तत्कालीन सरकार द्वारा तबादलों से प्रताडित सभी शिक्षकों को पुर्ववत स्थान पर लगाने, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 11 एवं 12 में अनिवार्य अंग्रेजी एवं हिन्दी विषय पढाने के लिए व्याख्याता के पद सृजित करवाकर नियुक्ति दिलवाने, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी का पद नाम परिवर्तन कर उप निदेशक स्कूली शिक्षा करवाने, पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए सक्षम अधिकारियों को छूट प्रदान करने, कुक-कम-हेल्पर के मानदेय को बढाकर दुगुना करने, प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर विशेष आवश्यकता वाले विद्यालय खोलने, जिला मुख्यालय पर मुक-बधिर विद्यालय खोलने, पदोन्नति को समय बद्ध कार्यक्रम निर्धारित करने, प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अधिन समस्त विद्यालयों में रिक्त पदों पर स्थाई शिक्षक की नियुक्ति होने तक सेवानिवृत शिक्षकों को लगाने सहित विभिन्न प्रस्तावों को राज्य सरकार को भेजने का सर्व सम्मत निर्णय हुआ।
बैठक में चर्चा के दौरान डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया महामंत्री, छगनलाल भाटी, हरीराम कलावन्त, प्रवीण जानी, रमेश रांगी, देशाराम मीणा, जेठाराम मीणा, रतीलाल मीणा, देवीसिंह गुर्जर, श्रवण खण्डेलवाल, चन्द्रपाल राव, गोविन्द कुमार, राजेन्द्र गहलोत, जीवन प्रकाश, हंसाराम गहलोत, मघाराम नौंगिया, कान्तिलाल मीणा, दिनेशकुमार वासडा, बिशनलाल वर्मा, बाबुलाल, भगताराम, रूपाराम मीणा, सोनाराम मेघवाल आदि उपस्थित हुए।