राजकीय जनाना चिकित्सालय सिरोही राजनीति का अखाड़ा हो गया है।
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सिरोही (हरीश दवे)राजकीय जनाना चिकित्सालय सिरोही राजनीति का अखाड़ा हो गया है।चिकित्सको की अंतर्कलह ओर राजनीति के फेर में महिला रोगी ओर गर्भवती महिलाओं जच्चा बच्चा महिलाओ ओर उनके परिजनों की हालत विकट हो गई है।।राजकीय जनाना चिकित्सालय में गत दिनों आदिवासी महिला को संमय पर खून नही मिलने से डिलीवरी में बच्चे की मौत पर हुए हंगामे ओर सांसद देवजी पटेल की प्रसाशनिक अधिकारियों की बैठक में डॉक्टरों को कसाई कहने ओर चिकित्सा महकमे को लताड़ ओर प्रभारी मंत्री भवर सिंह भाटी द्वारा जनाना अस्पताल में जिला कलेक्टर ओर एसपी के साथ आदिवासी महिला और उसके पति के मिलने के बाद जिला कलेक्टर को इस प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश के बाद गाज डॉ निहाल सिंह पर पड़ी और वो एपीओ हुए।और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ओर कम हो गया।जिसका खामियाजा महिला मरीज भुगत रही है।
सिरोही विधायक संयम लोढा से सिरोही ओर कालन्द्री में स्त्री रोग विशेषय चिकित्सक की मांग लगाने के साथ हिन्दू वेव संयोजक हरीश दवे ने कहा कि जनाना अस्पताल में राज्य और केंद्र सरकार की निशुल्क जांच और निशुल्क डिलीवरी यहां दिखावा है लम्बे अंतराल से प्रसूता महिलाओ के परिजन डिलवरी के दौरान भारी भरकम फीस देने को मजबूर है।जिस पर रोक लगनी चाहिए।और जो डॉक्टर हटाने का श्रेय लूट रहे है उंन्हे रिक्त पदों पे डॉक्टर लगाने चाहिए।।अपनी गर्भवती पत्नी को जनाना अस्पताल में हुई हलाली का हवाला देते हुए गुणवंत राय ने उनके साथ हुई आपबीती बताई और डॉक्टर उषा चौहान के व्यवहार को निरंकुश ओर महिला विरोधी बताया।अस्पताल में रक्तदान करवाने को समर्पित शंकर माली ने कहा कि आदिवासी महिला रक्तदान प्रकरण में महिला को सही समय पे रक्त मिला होता तो बच्चे की जान बच सकती थी और डिलीवरी ओर खून देने के लिए आदिवासी से 5000 रुपये मांगे थे लेकिन उसके पास 450 रुपये ही थे।और वो खून और हीमोग्लोबिन की कमी से ग्रसित गर्भवती पत्नी को खेत पे ले के गया।शंकर माली ने कहा कि डा निहालसिंह से मरीज संतुष्ट थे और उंन्हे इस प्रकरण में गलत हटाया।ओर हटा दिया है तो नए लेडीज स्पेसलिस्ट डॉक्टर लगाने चाहिए।।उधर जिले के बिगड़ चुके चिकित्सा तन्त्र में जिला मुख्यालय ओर कालन्द्री में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले ओर उनके स्थान पे दूसरी नियुक्ति नही होने से गरीब दलित आदिवासी ओर चयनित परिवार के साथ जनरल ओबीसी हर वर्ग का कमजोर तबका राजकीय जनाना चिकित्सालय की बदहाली के खिलाफ चीत्कार रहा है।पर पॉलिटिशियन्स ओर सरकार की नींद नही उड़ रही।