एक शिक्षिका के भरोसे चल रहा स्कूल, गंदगी के बीच आवाजाही को विवश
शिक्षाBy Sirohiwale
आबूरोड. शहर से सटे जोडिय़ा फली खड़ात स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के छात्रों का भविष्य एक ही शिक्षिका के भरोसे हैं। स्कूल में एक ही शिक्षिका होने से आधी कक्षाओं को एक कमरे में व शेष कक्षाओं को दूसरे कमरे में बैठाकर पढ़ाना पड़ता है। ऐसे में यहा अध्ययनरत छात्रों को स्वयं की कक्षा के साथ अन्य कक्षाओं की भी पढ़ाई करनी पड़़ती है। नतीजतन उनके शैक्षिक स्तर पर प्रभाव पडऩे से इनकार नहीं किया जा सकता है। स्कूल में वर्तमान में करीब ४५ का नामांकन है। शिक्षिका रमेश चारण ने बताया कि पांच कक्षाओं को अकेले पढ़ाने में परेशानी तो होती ही है। करीब एक वर्ष से वह यहां अकेले पढ़ा रही है। गत वर्ष जून माह में एक शिक्षक को लगाया गया था, लेकिन उसका भी अन्यत्र स्थानांतरण हो गया।
स्कूल भवन की स्थिति भी खस्ताहाल हो चुकी है। बारिश के दिनों में पानी टपकने की समस्या बनी रहती है। पोषाहार सामग्री रखने के लिए स्टोर रूम नहीें होने से इन कमरों में ही सामग्री रखनी पड़ती है। ऐसे में छात्रों को पोषाहार सामग्री के साथ बैठकर ही पढऩा पड़ता है।
गंदगी के बीच आवाजाही पेयजल की समस्या
स्कूल परिसर के आगे ही सड़क पर गंदगी का ढेर लगा रहता है। ऐसे में छात्रों को गंदगी के बीच ही स्कूल से आवाजाही को विवश होना पड़ता है। शिक्षिका ने बताया कि भूतल टंकी से पानी की निकासी नहीं होने से सड़क पर गंदगी फैली रहती है। पूर्व में पंचायत प्रशासन को अवगत करवाया था, लेकिन समस्या जस की तस है।
हैंडपम्प से पानी पीने लायक नहीं
स्कूल में छात्रों को पेयजल के लिए एक हैंडपम्प तो लगा हुआ है, लेकिन हैंडपम्प से पानी पीने लायक नहीं आता है। स्कूल में लगी टंकी व मोटर लम्बे समय से क्षतिग्रस्त पड़ी है। शिक्षिका ने बताया कि है़ंडपम्प से पानी पीने लायक नहीं होने से पास स्थित टंकी से पानी मंगवाया जाता है।