दोनो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने की मांग : धर्मेन्द्र गहलोत
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सिरोही - राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत के नेतृत्व में जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, मुख्य सचित डी.बी. गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव मंजु राजपाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल के नाम ज्ञापन देकर न्यायालय आदेश के विपरित केन्सर पीडित शिक्षक सत्यनारायण बैरवा एवं उनकी पत्नी सविता बैरवा को राहत की बजाय सेवा से बेदखल रखने वाले जिला शिक्षा प्रशासन के दोनो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने की दरकार की हैं।
मुख्य महामंत्री गहलोत ने ज्ञापन में लिखा हैं कि राज्य की जनहितैषी सरकार में न्यायालय निर्देश की पालना नहीं कर केंसर पीडीत अनुसुचित जाति के शिक्षक एवं उसकी पत्नी को करीब बारह माह से सेवा से बेदखल रख बिलखाने वाले जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक सिरोही एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान सिरोही को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दण्डित किया जावे।
सत्यनारायण बैरवा अध्यापक लेवल-2 राप्रावि बुबरीयाफली आबुरोड असाध्य रोग केन्सर से पीडित हैं। अनुसुचित जाति के उक्त शिक्षक की पत्नी श्रीमती सविता बैरवा अध्यापक लेवल-2 राउप्रावि कुई आबुरोड में सेवारत थी। 19 सितम्बर 2018 को दोनो पति-पत्नी कार्मिकों को 6डी में बिना विकल्प के अलग अलग उच्च माध्यमिक विधालय में पदस्थापन/समायोजन किया गया।
असाध्य रोग से पीडित श्री बैरवा और उसकी पत्नी ने जिला शिक्षा प्रशासन से मदद की आस लगाई लेकिन एक दुःखी परिवार के ऑसु पोछने की किसी अधिकारी ने परवाह नहीं की। पीडित कार्मिक का केंसर का ईलाज चल रहा हैं इसलिये उसका निवेदन सिर्फ इतना हैं कि दोनो पति-पत्नी को आबुरोड के आसपास के किसी नजदीकतम विधालय में रिक्त पद पर पदस्थापन कर जीवनदान दिया जाये। जबकि पति-पत्नी दोनो का माननीय न्यायालय से स्थगन के बावजूद 14.09.2019 को जबरन सेवा से बेदखल करना घोर लापरवाही व शासकीय हठधर्मिता का प्रमाण हैं। माननीय सिविल सेवा अपील अधिकरण खण्डपीठ जोधपुर ने चौथी बार जिला शिक्षा प्रशासन को निर्देश देकर राहत देने को कहा हैं लेकिन सिरोही जिले के उक्त दोनों अधिकारी महिला होने के बावजुद एक महिला शिक्षक के शिक्षक पति के दर्द को दरकिनार कर न्यायालय के निर्देश की धज्जियॉं उडा राज्य सरकार साफ छवि को खराब करने पर आमदा हैं। ज्ञापन में लिखा हैं कि एैसी पाश्विक मानसिकता के सरकार विरोधी विचारधारा के अधिकारी फिल्ड पोस्टींग में लगे हुये हैं जो सरकार की लोकतान्त्रिक विचारधारा को प्रबल समर्थक संगठन के हजारों शिक्षकांं में रोष पैदा कर आन्दोलन के लिये उकसाने का घृणित कृत्य कर रहे हैं।
पीडित श्री बैरवा को एक तरफ ईलाज के लिये लगातार पैसों की जरूरत हैं दुसरी और जिले के दोनो अधिकारियों की जिद ने पति पत्नी दोनों को सेवा से बेदखल कर रखा हैं जिससे उनको करीब छः माह से वेतन भुगतान नहीं होने से जबरदस्त आर्थिक मानसिक आधात झेलना पड रहा हैं। बार बार कोर्ट का खर्च उठाने को मजबुर किया जा रहा हैं। समय पर राहत नहीं मिलने पर यदि पीडित शिक्षक सत्यनारायण बैरवा को जीवन का खतरा उत्पन्न हुआ तो समस्त न्यायिक हर्जाने खर्चे के वर्तमान कार्यरत दोनो शिक्षा अधिकारी व्यक्तिशः जिम्मेदार रहेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में डॉ हनवंत सिंह मेड़तिया, जगदीश खंडेलवाल, देवेश खत्री, इंदर मल खंडेलवाल, गुरुदीन वर्मा, मुकेश शर्मा, नारायण चौधरी उपस्थित हुए।